यूपी में खुलेगें एक हजार जन औषधि केन्द्र
गाँव कनेक्शन 10 Aug 2017 5:15 PM GMT

लखनऊ (भाषा)। कमजोर तबके के लोगों को किफायती दरों पर दवाइयां मुहैया कराने के मद्देनजर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में जल्द ही 1000 जन औषधि केंद्र खोले जायेंगे।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल. मंदाविया और राज्य के स्वास्थ्य मत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की मौजूदगी में आज इस संबंध में राजधानी लखनऊ में स्टेट एजेन्सी फार कम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एन्ड इन्टीग्रेटेड सवर्सिेज-साचीज और बी.पी.पी.आई. के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये।
मंदाविया ने मीडिया सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार सभी को रियायती दरों पर दवाइयां मुहैया कराने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि 2008 में शुरु इस योजना के तहत 2012 तक देशभर में कुल 149 केंद्र खोले जा सके थे।
उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी दे रही है। उन्होंने कहा कि इस समय जन औषधि केंद्रों के जरिये 600 किस्म की दवाएं दी जा रही हैं, जल्द ही यह संख्या बढ़ाकर 1000 कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कमजोर तबके के लोगों को विशेष सुविधा के तहत सरकार ने स्टंट के दामों को भी काफी कम कर दिया है।
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इस मौके पर सिंह ने कहा कि 1000 जन औषधि केंद्र खुल जाने से राज्य के लोगों को बहुत बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सदर अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह स्टोर खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसरों में स्टोर खोलने की मंजूरी प्रदेश मंत्रिमंडल ने दे दी है। अभी तक 400 से अधिक जन औषधि केंद्रों का आवंटन हो चुका है।
एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सितम्बर तक नये टेंडर जारी किये जायेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक स्वाइन फ्लू के 385 मामले सामने आये हैं और 13 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
इस अवसर पर मंदाविया ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना वेबसाइट की भी शुरुआत की। इस वेबसाइट के माध्यम से जन औषधि केंद्रों और उसमें उपलब्ध दवाइयों आदि के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।
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