Gaon Connection Logo

कुशीनगर में 13 घर कल रात सूने थे, आ अगले हादसे का इंतजार करें…

Kushinagar train school van accident

लखनऊ/कुशीनगर। कानों में हेडफोन लगा कर बात कर रहे एक स्कूल वैन ड्राईवर ने आती ट्रेन पर ध्यान नहीं दिया और दस साल से कम उम्र के 17 स्कूली बच्चों से ठूंसी गयी वैन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक मानव रहित क्रासिंग पर ट्रेन द्वारा कुचल दी गयी। तेरह बच्चों की तुरंत मौत हो गयी। यह पंक्तियां हम पहले भी इस अखबार में छाप चुके हैं, और हमें डर है कि आगे भी छापनी पड़ेगीं।

भारतीय रेलवे द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, रेल हादसों में 40 फीसदी मौतें मानव रहित क्रॉसिंग पर होती हैं। देश में कुल 5792 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग हैं। इनमें से एक, कुशीनगर जिले में विशुनपुरा के बहपुरवा क्रॉसिंग पर फाटक लगवाने की मांग एक बार की जा चुकी थी, लेकिन अनसुनी रह गई।

इसी फाटक पर 26 अप्रैल की सुबह लगभग 7:00 बजे सीवान से गोरखपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन से (ट्रेन नंबर 55075) ने डिवाइन पब्लिक स्कूल की टाटा मैजिक स्कूल बस के परखच्चे उड़ा दिए। क्रॉसिंग के पास सफ़ेद कमीज़, सफ़ेद पैंट और लाल और पीले रंग की टाई पहने ये बच्चे खून से लथपथ बेजान पड़े थे। दो साल पहले कुशीनगर जिले जैसा हादसा भदोही जिले में भी हुआ था, जहां भी 13 बच्चों की मौत हो गई थी।

ये भी पढ़ें- स्कूल वैन ड्राईवरों की लापरवाही बन रही बच्चों की जान की दुश्मन  

“ड्राईवर कान में हेडफोन लगाए था, कुछ महिलाओं और राहगीरों ने वैन चालक को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन उसने सुना नहीं”, प्रत्यक्षदर्शी हबीब अंसार ने बताया। “मैंने टक्कर नजदीक से देखी है। बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वैन चालक की लापरवाही से बच्चों की मौत हुई।“

साफ सुथरी धुली यूनीफार्म पहनकर, पीठ पर बस्ता और हाथ में पानी की बोतल लेकर अपने घरों से स्कूल के लिए निकले बच्चे कुछ ही देर में खून से लथपथ बेजान पड़े थे। इस हादसे में अमरजीत के तीन बच्चों (बेटी रागिनी, बेटे संतोष और रवि) की मृत्यु हो गई। बतरौली कस्बे के हसन की दो बेटियां साजिदा और तमन्ना नहीं रहीं। मैहीहरवा के मोइनुददीन के बेटे मिराज और बेटी मुस्कान की भी मृत्यु हो गई।

ये भी पढ़ें- पहले भी हुए हैं बड़े रेल हादसे

भारतीय रेलवे के अनुसार रेल हादसों में 40 फीसदी मौतें मानव रहित क्रॉसिंग पर होती हैं। देश में कुल 5792 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग हैं और सबसे अधिक 904 ऐसी रेलवे क्रॉसिंग उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि गुजरात में 791, बिहार में 540, आंध्र प्रदेश में 272 और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग है।

बढ़ती रेल दुर्घनाओं का कारण अक्सर निगरानी करने वाले कर्मचारियों की कमी को पाया जाता है। इसके बावजूद भारतीय रेलवे में लगभग ढाई लाख पद खाली हैं।

मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग के बारे में घटनास्थल पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा, “वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक देश में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर कुल 109 हादसे हुए हैं। हमारा प्रयास है कि मार्च 2020 तक देश में मानव रहित क्रॉसिंग खत्म कर दें।“ वहीं, रेलवे में खाली पड़े पदों के सवाल पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “रेलवे में नॉन गैजेटेड पदों के 2 लाख 40 हजार पदों पर रिक्तियां हैं, मगर ये भर्तियां योग्य उम्मीदवारों के लिए अधिसूचित कर ली गई हैं।“

ये भी पढ़ें- कुशीनगर हादसा : रेल हादसों में मानव रहित क्राॅसिंग पर होती है 40 फीसदी मौतें, यूपी में सबसे ज्यादा ऐसी क्रॉसिंग 

स्कूल में चलने वाली वैन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नियम बनाएं हैं, मगर ज्यादातर स्कूल इन नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

इलाहाबाद ज़िले के शिवगढ़ के रहने वाले हरीश चंद्र केसरवानी का बेटा हिमांशू होली चाइल्ड स्कूल में पांचवी में पढ़ता है। हरीश चन्द्र ‘गाँव कनेक्शन’ से बताते हैं, “हम अपने बच्चों को स्कूल वालों के भरोसे दिन भर के लिए भेजते हैं, लेकिन जिस तरह से हादसों के बारे में खबरें आती हैं, हमें परेशान कर देती हैं, आज बच्चों को लेकर स्कूल वाले घूमाने के लिए नैनी लेकर गए हैं, कई बार फोन कर चुका हूं कि कब तक आएंगे। ऐसी खबरें परेशान कर देती हैं।”

स्कूली वैन और बसों पर सुप्रीम कोर्ट ने नियम बनाए हैं (देखें पृष्ठ 10)। स्कूली वैन और बसों पर सुप्रीम कोर्ट के नियमों के पालन किए जाने के बारे में उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारी आनंद राव बताते हैं, “स्कूल से वेरिफेकशन करके ही स्कूल वैन और बसों को लाइसेंस दिया जाता है, हम लोग समय-समय पर स्कूल वैन के खिलाफ अभियान चलाते हैं, अगर क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए गए हैं तो चालान किया जाता है।”

मगर कुशीनगर में हादसे के वक्त आठ सीटों वाली स्कूल वैन में करीब 17 बच्चों को ठूंसा गया था। यह हर शहर और कस्बे की कहानी है।

स्कूली बसों के बढ़ते हादसों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के जारी किए निर्देशों का अधिकांशतः पालन नहीं होता है। इसी हादसे के दिन उत्तर पश्चिम दिल्ली में कन्हैया नगर मेट्रो स्टेशन के पास सुबह दूध के एक टैंकर ने एक स्कूल वैन को टक्कर मारी। वैन में 18 बच्चे भरे थे, जिनमें से एक सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई और 17 छात्र घायल हो गए।

कई अधिकारी निलंबित, स्कूल प्रबंधन पर मुकदमा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर स्कूल वैन हादसे में लापरवाही बरतने पर कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन और वैन ड्राईवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री ने कुशीनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव, दुदही के खण्ड शिक्षा अधिकारी शेष बहादुर, प्रवर्तन कार्य में शिथिलता बरतने वाले एआरटीओ इन्फोर्समेण्ट राजकिशोर त्रिवेदी और परिवहन विभाग के यात्री कर अधिकारी रणवीर सिंह चौहान को दुर्घटना के लिए तत्काल प्रभाव से निलम्बित किए जाने का निर्देश दिया।

वहीं मुख्यमंत्री ने बिना अनुमति/पंजीकरण के स्कूल का संचालन करने के लिए डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक और प्रधानाचार्य करीम जहान खान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए विधिक धाराओं में कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने सेठ बंशीधर विद्यालय की जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं, जहां से डिवाइन पब्लिक स्कूल के छात्रों के लिए टीसी की व्यवस्था की जाती थी।

हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”वैन ट्रेन से टकरा गई, जिससे 13 बच्चों की दु:खद मौत हुई है। लापरवाही के लिए जो जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सरकार कठोरतम कार्रवाई करेगी।” इस हादसे में 8 और बच्चे भी गंभीर रूप से घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं रेलवे बोर्ड और मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

ये भी पढ़ें- क्या आपके बच्चे की स्कूल वैन कर रही है इन नियमों का पालन

More Posts