लखीमपुर को एक बार फिर दंगे की आग में झोंकने का प्रयास

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लखीमपुर को एक बार फिर दंगे की आग में झोंकने का प्रयासअफवाह के बाद क्षेत्र में फैला तनाव

लखनऊ। यूपी के लखीमपुर जिले को अफवाबाजों ने एक बार फिर सोशल मीडिया के माध्यम से दंगे की आग में झोंकने का प्रयास किया। इस असफल प्रयास पर वक्त रहते लखीमपुर पुलिस ने अंकुश लगा दिया।

मामला कोतवाली थाना क्षेत्र शिवपुरी मोहल्ले का है, जहां उर्स के आयोजन के मद्देनजर एक समुदाय के लोग सरकारी बिल्डिंग पर धार्मिक झंडा लगा रहे थे, जिसका विरोध दूसरे समुदाय के करने पर क्षेत्र में कुछ देर के माहौल तनावपूर्ण हो गया था, लेकिन वक्त रहते पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पूरी स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।

मामला यहां तक तो ठीक था, लेकिन जिले में पहले भी अफवाह फैलाने वाले लोगों ने इस मामूली से प्रकरण को पाकिस्तान का आतंकी हाफिज सईद की रिहाई से जोड़ का सोशल मीडिया पर एक समुदाय पर जश्न मनाने का फोटो अपडेट कर वायरल कर दिया कि, रिहाई के जश्न में शिवपुरी के लोग जश्न मना रहे है, जिसका विरोध दूसरे समुदाय के लोगों के करने पर दोनों पक्षों में झड़प हो गई। यह मैसेज पूरे शहर जंगल में आग की तरह फैलते ही हर ओर हाफिज की रिहाई को लेकर जश्न मनाने वाले कथित प्रकरण पर आक्रोश भड़क उठा।

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एसपी लखीमपुर शिवासिमपी चिनप्पा ने बताया, "पुलिस की जानकारी में पूरा मामला आते ही मौके पर फोर्स को रवाना कर दिया गया और पूरी स्थिति को खुद संभाला। मौके की नजाकत को देखते ही जिला अधिकारी ने भी लोगों से सोशल मीडिया पर फैले अफवाह पर ध्यान न देने की बात कही।"

उधर मामले की सूचना पाकर आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह ने कहा, "सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले आसामजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि साइबर सेल को पूरे प्रकरण की जांच के आदेश देने के साथ-साथ एसपी खीरी के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है।"

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खीरी को इससे पहले भी सुलगाने का किया प्रयास

करीब 3 दिन तक कर्फ्यू झेल चुके लखीमपुर शहर के माहौल को खराब करने की लगातार की जा रही कोशिशों से यह जाहिर होता है कि कुछ ऐसे अराजक तत्व शहर में पनाह लिए हुए हैं जो खीरी जिले की शांतिप्रिय जनता को भी अराजकता धर्म और हिंसा की आग में झोंकना चाहते हैं। कुल मिलाकर इस घटना ने एक बात तो साफ़ कर दी है कि जो आग कभी कश्मीर से शुरू हुई थी। उसकी चिंगारी आज लखीमपुर में भी पहुंच गई है। इस चिंगारी से कोई आग न भड़के इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता बंदोबस्त की बात की जा रही है। एक खास बात और 29 नवंबर को लखीमपुर में नगर निकाय चुनाव भी है उससे पहले हुई यह घटना कहीं सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए तो अंजाम नहीं दी गई।

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दंगे की आग में झोंकने का प्रयास

दर्जनों ऐसे कारण हैं जिनका पता पुलिस वाले जांच एजेंसियों को लगाना होगा कि ऐसे क्या कारण है कि इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। लखीमपुर खीरी में भी यह कोई पहला मामला नहीं जब धर्म के नाम पर जिले को दंगे की आग में झोंकने का प्रयास किया गया हो। हालांकि पाकिस्तान परस्तों द्वारा की गई तमाम कोशिशें लखीमपुर की जनता ने कई बार नाकाम की है। कुल मिलाकर लखीमपुर की समझदार जनता वह चाहे हिंदू हो या मुसलमान सिख हो या इसाई सब ने एकजुट होकर ऐसे अराजक तत्वों से मिलकर लड़ाई लड़ी है। अब पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि इस घटना के पीछे के जिम्मेदारों को पकड़ कर उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।

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