लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तीन जुलाई से लेकर अब तक लेखपाल अपनी मांगों लेकर हड़ताल पर थे। लेखपाल संघ और सरकार के मध्य सामंजस्य न बैठ पाने के चलते उत्तर प्रदेश के सभी तहसीलों का काम बाधित हो रहा था। लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममूरत यादव हड़ताल खत्म करने पर सहमत हुए।
लेखपालों की हड़ताल से एक तरफ जहां किसानों को दिक्कत हो रही थी, वहीं स्नातक, परास्नातक में प्रवेश के लिए आय, जाति, चरित्र प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट न लगने के चलते लाखों छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
ये थीं लेखपाल संघ की मांगें
लेखपाल संघ के जनपद लखनऊ के बीकेटी तहसील अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने बताया कि हड़ताल लेखपाल कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण सहित 50 सरकारी विभागों के काम करते हैं लेकिन उनके पास सुविधाएं नही है वेतन उच्चीकरण, उत्तराखंड सरकार के समान लेखपालों का पद नाम “उपराजस्व निरीक्षक “जिन लेखपालों का चयन व प्रशिक्षण 2005 के पूर्व हुआ है उनकी पुरानी पेंशन बहाली, भत्तों में वृद्धि, उपनिरीक्षक सेवा नियमावली 2017 लागू करना, लैपटॉप व स्मार्टफोन, प्रोन्नति इन मांगों को लेकर संगठन द्वारा हड़ताल की जा रही है।
इन शर्तों पर खत्म की हड़ताल
अधिकारियों और लेखपाल संघ की वार्ता रही सकारत्मक
लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममूरत यादव हड़ताल खत्म करने पर हुए सहमत
कुछ मांगे पूरी हुई कुछ पर मांगा समय
साज सज्जा से पूर्ण होंगे लेखपाल कक्ष
जल्द ही लेखपालों को मिलेंगे लैपटॉप और स्मार्ट फोन
ऑनलाइन आवेदनों पर प्रिंटिंग ख़र्च के लिये लेखपाल को प्रति फार्म मिलेंगे 5 रुपये।
चुनाव के समय निर्वाचन कर्मी की सुविधाएं और भत्ते में बढोत्तरी के लिए सरकार भारत निर्वाचन आयोग को भेजेगी प्रस्ताव।
पूरे सेवाकाल में अपने गृह मंडल में गृह जनपद छोड़कर निजी अनुरोध पर उपलब्धता कर आधार पर लेखपाल पा सकेंगे तैनाती।