कुनौरा (लखनऊ)। एक तरफ सरकार ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनवाने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर जो पहले से खेल मैदान घोषित हैं उन पर भी भू-माफिया की टेढ़ी नजर है।
ऐसा ही एक मामला लखनऊ जिले की तहसील बख्शी का तालाब के कुनौरा ग्राम पंचायत का है, यहां पहले से परती ज़मीन जो चारागाह और खेल के मैदान के रूप में उपयोग में आ रही थी, उसे भू-माफियाओं ने फर्जी तरीके से बैनामा करा कर कब्जा कर लिया। गाँव कनेक्शन में खबर छपने के बाद सरकार ने संज्ञान लेते हुए इसे खेल का मैदान घोषित कर दिया। आज इस खेल के मैदान पर फिर कब्जा होने की कोशिश हो रही है।
बख्शी का तालाब तहसील की कुनौरा ग्राम पंचायत में भू-माफियाओं के अवैध कब्जे के बारे में जब गाँव कनेक्शन ने प्रमुखता से खबर छापी तो जिलाधिकारी ने इसकी जांच उपजिलाधिकारी बीकेटी को सौंप दी।
जांच के बाद वर्ष 2016 में उप जिलाधिकारी बीकेटी, लखनऊ ने इस परती ज़मीन पर हुए समस्त फर्जी बैनामे रद्द करते हुए 1.877 हेक्टेयर ज़मीन को खेल के मैदान के रूप में आरक्षित कर दिया।
गाँव कुनौरा के कक्षा 11 के छात्र अविनाश कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर खेल मैदान को भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कराकर खेल मैदान को मिनी स्टेडियम बनाए जाने की प्रार्थना की है।
छात्र अविनाश कुमार बताते हैं, “पत्र के जरिए हमने मुख्यमंत्री जी से प्रार्थना की है कि हमें खेलने के लिए जगह दे दीजिए और इस खेल मैदान को कब्जामुक्त कर मिनी स्टेडियम बनवाए ताकि हमारे जैसे गाँव-देहात के बच्चे यहां प्रशिक्षण ले सकें।”
पूर्व भू-वैज्ञानिक एवं भारतीय ग्रामीण विद्यालय कुनौरा के प्रबंधक डॉ. शिव बालक मिश्र बताते हैं, “आजादी के बाद से लेकर अब तक कुनौरा और आस-पास की दर्जन भर पंचायतों में आज तक कोई बच्चा खिलाड़ी नहीं बन पाया। जहां तक मेरा आंकलन है कि तहसील बीकेटी में भले ही कोई लड़का/लड़की खिलाड़ी न बन पाए हों, अगर यहां पर सरकार खेल का मैदान बनवा दे तो भविष्य में यहां के बच्चे निश्चित रूप से अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंच तक ले जा सकते हैं।”
जब से सरकार द्वारा इसे खेल का मैदान घोषित किया गया है, इसकी चारदीवारी न होने के चलते स्थानीय किसानों ने फिर से अतिक्रमण शुरू कर दिया है। अतिक्रमण और कब्जे से बचाने के लिए खेल के मैदान की चाहरदीवारी बनवाने के संबंध में उपजिलाधिकारी बीकेटी निधि वत्स ने कहा, “तहसील स्तर पर ऐसा कोई फण्ड नही होता कि खेल मैदान विकसित करा दिया जाए किन्तु खेल मैदान की चाहरदीवारी ब्लॉक के सहयोग से अन्य मदों में करवाई जा सकती है ।”