लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहे जरुरतमंद

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लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहे जरुरतमंदआवेदक बैंकों के काट रहे हैं चक्कर

लखनऊ | बैंक प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते बैंक मैनेजर राष्ट्रीय / प्रादेशिक योजनाओं ‘ प्रधानमंत्री मुद्रा लोन ‘ को पलीता लगाने पर अमादा हैं| योजना के अंतर्गत फार्म भरने के बाद बैंक आवेदकों को लोन के लिए टालमटोल का रवैया अपनाये हुए हैं। लोन लेने वाले जरुरमंदों का आरोप है, बैंक कर्मी लोन देने के नाम पर काफी परेशान करते हैं। लोग न मिलने के कारण जरुरतमंदों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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काकोरी मुख्यालय से 19 किमी दूर स्थित हरदोई रोड बेगरिया निवासी रामचंदर ‘हेलमेट वाले’ लोन लेने के लिए कार्पोरेशन बैंक के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं। पीड़ित रामचन्दर(42वर्ष) बताते हैं, ‘ मैं मोहन बिहार कालोनी ग्राम बेगरिया में रहता हूं।

मेरे परिवार की मालीहालत बहुत खराब है। रोड के किनारे हेलमेट बेचने का काम करता हूं। मेरी चार बेटियां और एक बेटा है। नकदी न होने के कारण मेरा धंधा नहीं चल रहा है। मैंने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन पाने के लिए कार्पोरेशन बैंक का तीन महीने से चक्कर काट रहा हूं। बैंक मैनेजर ने लोन देने के लिए हामी नहीं नहीं भरी। मैं बहुत परेशान हूं। अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी बाबा के दरबार में अपना दर्द बतायेंगें।’

प्रादेशिक डूडा योजना के तहत दो लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन करने वाले गायत्री नगर मड़ियांव निवासी अरविन्द कुमार बताते हैं, ‘ लोन लेने के लिए कई बार बैंक के चक्कर लगा चुका हूं। बैँक मैनेजर हर बार कागजात और फाइल में कुछ कमी बताकर मामला टालते रहे।

बाद में उनका ट्रांसफर हो गया और मुझे लोन भी नहीं मिला। थक-हार कर जो छोटी किराना की दूकान थी वो भी लोन के चक्कर में बंद हो गयी। अब प्राइवेट नौकरी कर रहा हूं।’

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