गोरखपुर में बाल रोगों में गहन शोध के लिए रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर बनेगा : नड्डा

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   13 Aug 2017 5:55 PM GMT

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गोरखपुर में बाल रोगों में गहन शोध के लिए रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर बनेगा : नड्डाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा।

लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर में बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा आज बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज अस्पताल गए और इंसेफेलाइटिस वार्ड का गहन निरीक्षण किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा ने इस अवसर पर कहा, गोरखपुर में शीघ्र ही बच्चों की बीमारी पर शोध के लिए क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र की स्थापना की जाएगी।

इंसेफेलाइटिस से रविवार को हुई एक और बच्चे की मौत के बाद पिछले छह दिनों में कुल संख्या 72 हो गई।

गोरखपुर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले में लगातार जानकारियां हासिल कर रहे हैं। केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार को पूरा सहयोग देने को तैयार है और हर तरीके से सहयोग दे रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बताया कि केंद्र ने गोरखपुर में बाल रोगों में गहन शोध के लिए रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर स्थापित करने के लिए 85 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा 'पिछले संसद के सत्र में हमने मेडिकल रिसर्च सेंटर को हरी झंडी दी है, जो 85 करोड़ रुपए की मदद से गोरखपुर में बनाया जाएगा, जिससे यहां काफी लाभ होगा, भारत सरकार से जो कुछ भी उपेक्षित होगा वो हमने पहले भी दिया और अब भी देंगे।'

नड्डा ने कहा, " रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर स्थापित होने से क्षेत्र में वायरस जनित बीमारियों की असली वजह का पता चल सकेगा और स्थायी हल किया जा सकेगा।"

नड्डा ने कहा कि शुरू से उत्तर प्रदेश और गोरखपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार कार्य कर रहा है। चाहे वो एम्स का सवाल हो या फिर आईसीएमआर के सेंटर का सवाल हो। अभी भी इस सारे कार्यक्रम के प्रोटोकाल को डिजाइन करने के लिए और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के प्रोटोकोल को बेहतर बनाने के लिए देश के बड़े डाक्टरों की एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम बच्चों की बीमारी से संबंधित कई रोगों पर गहन शोध कर रहा है।

जापनीज इंसेफेलाइटिस के खात्मे के लिए मुख्यमंत्री योगी के योगदान को याद करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा ने बताया कि हमने शुरू से चाहे वो जापनीज इंसेफेलाइटिस का विषय हो या एक्यूट इंसेफेलाइटिस का विषय हो, योगीजी आज मुख्यमंत्री हैं संसद में सांसद के नाते आप शुरू से यह विषय उठाते रहे हैं और हर सत्र में मैंने आपके प्रश्न का जवाब दिया है। यह पहला सत्र गया जब जापनीज इंसेफेलाइटिस का विषय संसद में नहीं आया क्योंकि योगीजी आप वहां नहीं थे।

शुरुआत में यह जानकारी दी गई थी कि बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत लिक्विड ऑक्सीजन की कमी से हुई है, लेकिन आदित्यनाथ ने शनिवार को बयान दिया कि ये मौतें एनसेफेलाइटिस और अन्य कारणों से हुई हैं।

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और स्वास्थ्य सचिव सी. के. मिश्रा ने अस्पताल का दौरा किया था।

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पूर्वी उत्तर प्रदेश में एनफेलाइटिस जैसी कई बीमारियां फैलती है जिससे हर साल ढेर सारे बच्चों की मौत हो जाती है। इस बार इनसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए प्रदेश के 90 लाख बच्चों को वैक्सीन दिया गया।

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