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उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती के नए विज्ञापन से खफा पुराने अभ्यर्थियों का प्रदर्शन 

लखनऊ

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश सरकार के हाल ही में 42 हजार सिपाहियों की भर्ती के विज्ञापन से खफा सैकड़ों पूर्व अभ्यर्थियों ने आज लखनऊ में प्रदर्शन किया। इन अभ्यर्थियों ने पिछली प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2015 में निकाले गए 34716 सिपाही के पदों पर आवेदन किया था।

इस पर राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सिपाहियों की नई भर्ती से पुरानी भर्ती वाले मामले से कोई संबंध नहीं है। वह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उसमें जो भी फैसला आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

वर्ष 2015 सिपाही भर्ती के अभ्यर्थी आज सुबह शहर के लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे। यहां उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। अभ्यर्थियों का कहना था कि वर्ष 2015 के सिपाही भर्ती परिणाम पहले घोषित किए जाएं उसके बाद सरकार नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करे।

आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का कहना था कि 2015 में निकाले गए 34716 पदों में 28916 पद पुरुष और 5800 पद महिला सिपाहियों के लिए थे। ये भर्तियां मेरिट के आधार पर होनी थीं। इस भर्ती प्रक्रिया का मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया था। उच्च न्यायालय ने 27 मई 2016 को इस भर्ती परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी थी।

एक दिन पहले प्रदेश सरकार ने 42 हजार नए सिपाहियों की भर्ती का विज्ञापन निकाला है, जिसके फार्म भरने की प्रक्रिया 22 जनवरी से शुरू होगी। इसको लेकर आज सैकड़ों की संख्या में पुलिस अभ्यर्थी अपना विरोध ज़ाहिर कर रहे थे जिस पर काबू पाने में पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

गौरतलब है कि पिछली सरकार ने दिसंबर 2015 को भर्ती बोर्ड ने 28,916 पुरुष और 5800 महिला सिपाहियों की भर्ती का विज्ञापन निकाला था।प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुछ लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसके बाद 27 मई 2016 में उच्च न्यायालय ने उस पर रोक लगा दी और सरकार की तरफ से सफल प्रयास ना होने पर अभी तक सिपाही भर्ती का परिणाम घोषित नहीं हुआ।

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इस मामले में उप्र सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज दोपहर पत्रकार वार्ता में कहा कि 34,716 भर्तियों का मामला अदालत में चल रहा है। ये नियुक्तियां पहले की सरकार में निकली थी, जो मामला अदालत में विचाराधीन है। हम अब नई भर्ती प्रक्रिया लाए है वो अलग है, उसका इस पुरानी भर्ती वाले मामले से कोई लेना देना नहीं है।

उनसे पूछा गया कि अगर पुराने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दे दिया गया तो सरकार क्या कदम उठाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिपाही के एक लाख से अधिक पद सिपाहियों के पद खाली है, इस लिए कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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