उत्तर प्रदेश खादी नीति-2017 का मसविदा तैयार, मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद होगा लागू : सत्यदेव पचौरी

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   27 Sep 2017 6:17 PM GMT

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उत्तर प्रदेश  खादी नीति-2017 का मसविदा तैयार, मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद होगा लागू : सत्यदेव पचौरीखादी ग्रामोद्योग एवं सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री सत्यदेव पचौरी।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश की पहली खादी नीति बनकर तैयार है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। प्रदेश की भाजपा सरकार खादी फॉर यूथ, खादी फॉर नेशन के उद्देश्य के साथ ऐसे परिधानों को आम प्रचलन में लाने के लिए शोध करेगी।

राज्य के खादी ग्रामोद्योग एवं सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री सत्यदेव पचौरी ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि उनकी सरकार ने खादी नीति-2017 का मसविदा तैयार कर लिया है। प्रदेश में पहली बार बनाई गई इस नीति को जल्द ही मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के बाद लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में अधिक से अधिक नौजवानों को रोजगार दिलाने, खासकर महिलाओं को अपने घर में ही सौर चरखों की मदद से खादी उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के कदम प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि प्रदेश सरकार पहली बार टेलीविजन तथा अन्य माध्यमों से खादी का व्यापक प्रचार कराएगी। सरकार चाहती है कि खादी जनोपयोगी बने। सरकार का थीम वाक्य खादी फॉर यूथ, खादी फॉर नेशन है और वह खादी को जन-जन का परिधान बनाने के मकसद से उसकी डिजाइनिंग और उसे फैशन के अनुरुप बनाने के लिए शोध भी कराएगी। लखनऊ स्थित नए खादी भवन को खादी प्लाजा के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां अगले महीने केवल खादी वस्त्रों के ही शोरुम खोले जाएंगे।

उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित यूपिका की खस्ताहाली के बारे में पूछे गये एक सवाल पर कहा कि उनकी सरकार यूपिका का पुनरोद्धार करेगी। यूपिका में इस वक्त कुल 88 कर्मचारी बचे हैं, यह हाल पिछले 15-20 साल से लोगों ने खराब किया है, उसके पुनरोद्धार के लिए सरकार ने हाल में एक शासनादेश जारी किया है कि हथकरघा और यूपिका अपनी समितियों के माध्यम से बने उत्पादों को सरकारी अस्पतालों, रेलवे तथा अन्य सरकारी विभागों में आपूर्ति करेंगे।

सत्यदेव पचौरी ने कहा कि बड़ी संख्या में यूपिका की समितियों के निष्क्रिय हो जाने की वजह से इस संस्था की यह हालत हुई। सरकार एक सर्वे करा रही है। इसकी जो सक्रिय समितियां हैं, उनको जोड़कर सरकार यूपिका को फिर से खड़ा करेगी।

अपने विभाग की पिछले छह माह की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पचौरी ने कहा कि गुजरात की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी खादी पर छूट की दर 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी गयी है, यह छूट बिक्री की जगह खादी के उत्पादन पर साल भर मिलेगी।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत पूर्व में निर्धारित 111 करोड़ रुपए के लक्ष्य को बढ़ाकर 278.93 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसके तहत खादी और एमएसएमई को मिलाकर 9844 इकाइयां स्थापित होंगी और लगभग 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

पचौरी ने बताया कि सरकार अब गरीब बुनकरों की बेटियों की शादी के लिए 20-20 हजार रुपए सहायता भी देगी। पॉवरलूम बुनकरों को विद्युत सब्सिडी के लिए 150 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है, जो पिछले साल नहीं दी गई थी।

                        

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