भाजपा की संयुक्ता भाटिया चुनी गईं लखनऊ की पहली महिला मेयर 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   1 Dec 2017 6:36 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
भाजपा की संयुक्ता भाटिया चुनी गईं लखनऊ की पहली महिला मेयर लखनऊ की पहली महिला मेयर बनीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संयुक्ता भाटिया।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पहली महिला मेयर बनने का मौका आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संयुक्ता भाटिया को मिला। देश की पहली महिला राज्यपाल और पहली महिला मुख्यमंत्री देने का गौरव उत्तर प्रदेश को हासिल है और अब नवाबों के शहर लखनऊ को एक सदी में पहली बार आज महिला मेयर मिली है।

भाजपा की संयुक्ता भाटिया ने आज हुई मतगणना में समाजवादी पार्टी की मीरा वर्धन को एक लाख 31 हजार 356 वोटों से हराकर राजधानी के मेयर पद पर अपना कब्जा जमाया। संयुक्ता भाटिया को तीन लाख 77 हजार 166 मत मिलें जबकि मीरा को दो लाख 45 हजार 810 वोट मिले।

पिछले 100 साल में लखनऊ की मेयर कोई महिला नहीं बनी थी लेकिन आज यह रिकार्ड टूट गया और संयुक्ता भाटिया पहली महिला मेयर बन गई। इस बार लखनऊ मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। संयुक्ता भाटिया का परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुडा रहा है. इनके पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से बीजेपी विधायक रह चुके हैं।

गौरतलब है कि सरोजिनी नायडू यूनाइटेड प्राविंस (अब उत्तर प्रदेश) की पहली राज्यपाल थीं। वह 15 अगस्त 1947 से दो मार्च 1949 तक राज्यपाल रही। इसी तरह सुचेता कृपलानी के रूप में उत्तर प्रदेश से देश को पहली महिला मुख्यमंत्री भी मिली थी। वह दो अक्तूबर 1963 से 13 मार्च 1967 के बीच मुख्यमंत्री पद पर रही थी। अंग्रेजों भारत छोडो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली सुचेता कृपलानी महात्मा गांधी के साथ आजादी की लड़ाई में भागीदार बनी थी। लोकसभा के लिए तीन बार महिलाएं जीतकर पहुंची हैं. लखनऊ से शीला कौल 1971, 1980 और 1984 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं।

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

उत्तर प्रदेश म्यूनिसिपैलिटी कानून 1916 में अस्तित्व में आया था। बैरिस्टर सैयद नबीउल्लाह पहले भारतीय थे, जो स्थानीय निकाय के मुखिया बने। उत्तर प्रदेश सरकार ने 1948 में स्थानीय निकाय का चुनावी स्वरुप बदला और प्रशासक की अवधारणा शुरु की। इस पद पर भैरव दत्त सनवाल नियुक्त हुए।

संविधान में संशोधन के जरिए 31 मई 1994 से लखनऊ के स्थानीय निकाय को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया गया। वर्ष 1959 के म्यूनिसिपैलिटी एक्ट में मेयर के निर्वाचन के प्रावधान किये गए।

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

                   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.