लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनने में अभी वक्त लगेगा
Basant Kumar 7 May 2017 6:55 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 119 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त जारी कर दी है। इससे पहले इस स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए केंद्र सरकार 132 करोड़ रुपए दे चुकी है। लेकिन नगर निगम के अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने कहा टेंडर की प्रक्रिया एक-दो महीने बाद शुरू होगी।
जून 2015 को 100 स्मार्ट बनने वाले शहरों के नाम की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी। इसमें उत्तर प्रदेश के 13 शहर शामिल हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार के आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के काम में तेजी आई है। लखनऊ भी स्मार्ट सिटी बनने की सूची में शामिल है।
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स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में अभी तो लखनऊ में कोई काम नहीं हुआ है। नगर निगम ने काम को लेकर रोडमैप तैयार कर लिया है। अब हम टेंडर देने की शुरुआत कर रहे हैं। अगले एक-दो महीने में टेंडर दे दिया जाएगा जिसके बाद काम शुरू होगा।पीके श्रीवास्तव, अपर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम
स्मार्ट शहर में लोगों को क्वालिटी ऑफ लाइफ, निवेश, रोजगार, ट्रान्सपोर्ट, आवास, बिजली और पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और वाईफाई कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा मिलेगी। स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए 500 करोड़ केंद्र सरकार देगी और 500 करोड़ राज्य सरकार देगी।
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भाजपा सरकार बनने के बाद स्मार्ट सिटी को लेकर तेज़ी से काम हो रहा है। स्मार्ट सिटी को लेकर तेजी से चल रहे काम के कारण कैसरबाग के आसपास के सड़कों के किनारे दुकान लगाने वाले परेशान हैं। स्मार्ट सिटी बनने का काम जब शुरू होगा तो इन दुकानों को हटा दिया जाएगा। ऐसे में दुकानदारों में बेरोजगार होने का डर सता रहा है।
लखनऊ में स्मार्ट सिटी के लिए कैसरबाग में सबसे ज्यादा काम होना है। कैसरबाग में असली समस्या ट्रैफिक जाम और जाम नाले हैं। पहले हाईकोर्ट व बस अड्डा होने के कारण यहां जाम की स्थिति बनी रहती थी लेकिन कोर्ट फैज़ाबाद रोड पर शिफ्ट होने के बावजूद जाम लगा रहता है उसका सबसे बड़ा कारण है बस अड्डा।
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