पुलिस की चाकचौबंदी और ड्रोन की निगरानी में शांति पूर्वक विर्सजित हुईं मूर्तियां

Virendra SinghVirendra Singh   20 Oct 2018 6:36 PM GMT

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बाराबंकी के बेलहरा कस्बे में विर्सजन के दौरान तैनात पुलिसकर्मी।बाराबंकी के बेलहरा कस्बे में विर्सजन के दौरान तैनात पुलिसकर्मी।

बाराबंकी। नवरात्र में 9 दिनों की देवी मां की पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने दुर्गा प्रतिमाओं को आस्था के साथ विर्सजन किया। यूपी के कुछ इलाकों में पुलिस के साथ ही पैरामिलेट्री फोर्स तैनात की गईं थी। देवी विसर्जन और दशहरा शांति पूर्वक निपटने से पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के बेलहरा कस्बे में पिछले वर्ष हुए विवाद को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने खास तैयारियां की थीं। पुलिस के साथ पैरामिलेट्री फोर्स तैनात की गई थी। एसडीएम से लेकर एससपी और चौकी इंचार्ज तक लगातार मौके पर तैनात रहे। जगह-जगह बैरीकेडिंग, ड्रोन से निगरानी और स्थानीय लोगों के सहयोग के चलते दुर्गा विसर्जन यात्रा शांति पूर्वक संपन्न हुई।


शुक्रवार को बेलहरा के आसपास समेत कई गांवों की मूर्तियों को धूमधाम के साथ गंगापुर के पास सुमली नदी में विसर्जित किया गया। इस दौरान गंगापुर घाट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार विसर्जन यात्रा में भीड़ कम थी। बिगत वर्ष सुर्जनपुर की दुर्गा मूर्ति की विर्सजन यात्रा के मार्ग को लेकर हंगामा हो गया था। मामले की संजीदगी को देखते हुए एसडीएम रामनारायण यादव और एएसपी दिगंबर कुशवाहा सुर्जनपुर मार्ग पर भटुआमऊ के पास लगाई गई बेरीकेटिंग पर खुद तैनात रहे। इस बार एहतियातन मूर्तियां मुख्य मार्ग की जगह कच्चे मार्ग से निकाली गईं।

सीओ अरविंद वर्मा, थानाध्यक्ष राजेश सिंह और बेलहरा के चौकी प्रभारी पंडित त्रिपाठी लगातार यात्रा मार्ग पर गस्त के साथ स्थानीय लोगों से बातचीत कर सहमति बनाते रहे। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस का साथ दिया।

विसर्जन यात्रा का स्थानीय लोगों और दुकानदारों से स्वागत किया। इस दौरान यात्रा जब गंगापुर घाट पहुंची तो गौरा सैलक के प्रधान रकाबुल और उनके पति मुन्नू ने भक्तों के लिए जलपान का प्रबंध किया। रकाबुल की पहल को लोगों ने कौमी एकता की मिसाल बताया।

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