मदरसा मामला: पिस्टल दिखाकर करता था यौन शोषण
Neetu Singh 31 Dec 2017 8:04 PM GMT
लखनऊ। “जब उसने मेरा हाथ पकड़ा और मैंने मना किया तो काले रंग की पिस्टल दिखा दी। मैंने जोर से खींचकर अपना हाथ छुड़ाया और कमरे में भाग गयी।” यह मदरसे में पढ़ने वाली एक पीड़ित छात्रा ने बताया।
उस पीड़िता ने आगे बताया कि “ऐसा कई लड़कियों ने आपस में बताया था कि उन्हें पिस्टल दिखा कर डराता था, लेकिन डर के मारे हमने कभी किसी को ये बात नहीं बतायी।”
लखनऊ के सआदतगंज में कैम्पवेल रोड पर यासीनगंज में मदरसा जामिया खदीजातुल लीलनवात है। यहां के कारी मदरसा संचालक तैय्यब जिया को छात्राओं के आरोप पर शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था। मदरसे से शुक्रवार की रात 52 लड़कियों को पुलिस की मदद से रिहा कराकर नारी निकेतन भेज दिया गया।
नारी निकेतन में महिला एव बाल विकास कल्याण विभाग द्वारा संचालित आशा ज्योति केंद्र की काउंसलर की मदद से इन पीड़ित छात्राओं की काउंसलिंग की गयी। काउंसलिंग के बाद कुछ छात्राओं को उनके माता-पिता के साथ घर भेज दिया गया है। काउंसलिंग के दौरान पीड़िताओं ने बताया हमे मारते थे, पैर दबवाते थे, छोटी सी गलती पर पेट पर लात रख देते थे, पिस्टल दिखाते थे, दवा खिलाते थे जैसी तमाम तकलीफों को बयाँ किया।
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एक पीड़िता ने रोते हुए बताया, “जब उसने पहली बार मेरे साथ गलत काम किया और मैंने मना किया तो उसने मुझे बहुत मारा। दो साल में उसने कई बार मेरे साथ गलत काम किया, दवा भी कई बार खिलाई।” उसकी सिसकियाँ थम नहीं रहीं थी वो घर भी नहीं जाना चाहती थी, “मुझे बस अच्छी तालीम चाहिए, मैं कुछ बनना चाहती हूँ।” इनकी पढ़ाई कहीं रुक न जाए इसलिए मदरसे की छात्राएं अपने ऊपर होने वाले अत्याचार और यौन हिंसा को वर्षों से बर्दाश्त करती गईं।
इस घटना के बाद मदरसे के आसपास के लोग भयभीत हैं। पड़ोस में रहने वाली रईश जहां (45 वर्ष) ने बताया, “ये हाफिज जी आसपास की लड़कियों को नहीं पढ़ाते थे, बहार की ही लड़कियां यहां पढ़ती थी। एक बार अगर लड़की यहां पढ़ने आ जाए वो तबतक बहार नहीं निकलने देते थे जबतक उसकी तालीम पूरी न हो जाए।” वो आगे बताती हैं, “मदरसे के अंदर किसी को जाने नहीं देते थे, अंदर क्या होता था किसी को पता नहीं चला। तैय्यब हाफिज की इतनी पहुंच थी पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती थी। इस हादसे के बाद कोई अपनी बेटी को मदरसे या स्कूल में नहीं भेजेंगा, सबको चिंता बनी रहेगी। वो पढ़ें या न पढ़ें कमसे कम इन दरिंदों से बचकर तो रहेंगी।
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महिला एवम बाल विकास कल्याण की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने पीड़ित छात्राओं से मिलने के बाद कहा, “लड़कियों के साथ जोर जबरदस्ती होती थी, पैर दबवाए जाते थे, उनसे तेल की मालिश करवाई जाती थी। भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। ऐसी कई बातें लड़कियों ने हमें बताईं है। ये बहुत ही शर्म की बात है, जांच चल रही है जैसे ही रिपोर्ट आ जाएगी उसपर कार्यवाही की जाएगी।”
मदरसे के बहार छात्राओं द्वारा फेके गये लेटर पड़ोस में रहने वाले फुरकान अहमद को मिले। उन्होंने बताया, “मदरसे के बाहर किसी को भी खड़े नहीं होने की इजाजत नहीं थी, जब ये लेटर हमें मिला हम लोगों ने इन्द्रानगर में रहने वाले मदरसा मालिक सैयद मोहम्मद जिलानी अशरफ जी से शिकायत की।” वो आगे बताते हैं, “ये मदरसा पहले लड़कों के लिए बना था, चार पांच साल से तैय्यब कारी ने अपनी मर्जी से इसे केवल लड़कियों का हास्टल बना दिया। सभी की मदद से बहुत मुश्किल से लड़कियों को मुक्त कराया गया। बात पहले भी पता चली थी लेकिन तब उस बात को दबा दिया गया था।”
इस घटना के बाद आस पास के लोगों ने यही कहा तैय्यब को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अगर लड़कियों को हम पढ़ाने के लिए भेजे तो उसके लिए मदरसों में महिलाएं पढ़ायें या फिर सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाए।
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