लखनऊ (भाषा)। योगी सरकार ने छह नवम्बर को उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद जिले का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया है। लेकिन अब सरकार राम और कृष्ण की नगरी अयोध्या और मथुरा को तीर्थ स्थान घोषित कर यहां मांस और मदिरा की बिक्री और उसके सेवन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना चाहती है। मुद्दे को लेकर सरकार गंभीर रूप से विचार कर रही है। इससे पहले भी योगी सरकार प्रदेश में मांस पर प्रतिबंध लगा चुकी है।
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श्रीकांत शर्मा (उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री) ने सोमवार को ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में कहा, ”साधु संतों और करोड़ों भक्तों की मांग थी कि राम और कृष्ण की नगरी में मांस-मदिरा की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाया जाये। उनकी मांग का सम्मान करते हुये प्रदेश सरकार अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा के आसपास के इलाके और मथुरा में भगवान कृष्ण के जन्म स्थान के आसपास के इलाके को तीर्थ स्थान घोषित करने की योजना पर काम कर रही है। जब ये दोनों स्थान तीर्थ स्थान घोषित हो जायेंगे तो यहां अपने आप ही मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लग जायेगा। बिना तीर्थ स्थान घोषित किये इन दोनों स्थानों पर मांस-मदिरा पर प्रतिबंध लगाना संभव नही है।”
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”अयोध्या और मथुरा में मांस-मदिरा पर प्रतिबंध की मांग को सरकार ने गंभीरता से लिया है और इन दोनों जगहों को तीर्थ स्थान घोषित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।” श्रीकान्त ने आगे बताया। “अयोध्या में चौदह कोसी परक्रिमा का इलाका, मथुरा में भगवान कृष्ण के जन्म स्थान के आसपास के इलाके को तीर्थ स्थान घोषित कर यहां पर मांस-मदिरा पर प्रतिबंध लगाये जाने की योजना सरकार द्वारा बनाई जा रही है।”
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इन जगहों पर पहले से मांस-मदिरा पर है प्रतिबंध
श्रीकान्त शर्मा के मुताबिक, मथुरा में वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गिरिराजजी: गोर्वधन: की सप्त कोषी परिक्रमा का इलाका पहले से ही तीर्थस्थान घोषित है और वहां मांस-मदिरा की बक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध है। संतों का कहना की अयोध्या में मांस-मदिरा की बिक्री भगवान राम का अपमान है और इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इसी विचार धारा को लेकर भक्तों और संतों ने सरकार से मांस-मदिरा की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।