भारी सुरक्षा के बीच केशवधाम वृन्दावन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘समन्वय बैठक’ शुरू 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   1 Sep 2017 4:43 PM GMT

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भारी सुरक्षा  के बीच केशवधाम वृन्दावन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘समन्वय बैठक’ शुरू वृन्दावन के केशवधाम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह।

मथुरा (भाषा)। देश की बाहृय सीमाओं की सुरक्षा से लेकर आंतरिक सुरक्षा तथा वर्तमान आर्थिक हालात जैसे अनेक गंभीर विषयों पर चिंतन-मनन करने के लिए वृन्दावन के केशवधाम में एकत्र हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधियों की तीन दिवसीय 'समन्वय बैठक ' भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज यहां प्रात: 9 बजे प्रारंभ हो गई।

संघ परंपरानुसार बैठक की अध्यक्षता सर संघचालक मोहनराव मधुकरराव भागवत ने की तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संगठन मंत्री रामलाल तथा महासचिव राममाधव विशेष रूप से उपस्थित रहे। संघ सूत्रों के अनुसार उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए संघचालक मोहन भागवत ने बैठक में उन विषयों पर चर्चा करने तथा अपने अनुभव साझा करने को कहा जो वर्तमान में देश को विभिन्न प्रकार से प्रभावित कर रहे हैं अथवा आने वाले समय में कर सकते हैं।

संघ के प्रवक्ता अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य इनमें से अधिकतर विषय मीडिया के समक्ष दो दिन पूर्व ही रख चुके हैं। जिनमें देश की सीमाओं की रक्षा से लेकर आंतरिक स्तर पर आम जीवन को प्रभावित करने वाली अन्य हिंसक गतिविधियां शामिल हैं।

बताया गया है कि इनके अतिरिक्त पिछले एक वर्ष में नोटबंदी के बाद देश के सामने एक बड़े बदलाव के रूप में आईं समस्याओं के निदान खोजकर उन्हें संभावनाओं में बदलने का प्रयास करना भी शामिल है।

प्रचार प्रमुख बता चुके हैं कि संघ देश के अधिकतर लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाले खेती और पशुपालन जैसे पारंपरिक व्यवसायों में उत्पन्न हो रही हताशा और निराशा के चलते किसानों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति की रोकथाम तथा उनकी आय बढ़ाने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा।

संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधियों होंगे शामिल

इस बैठक में संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाहगण सुरेश सोनी, दत्रात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, वी भगैया अखिल भारतीय कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी और सदस्यगण, सभी 11 क्षेत्रों के प्रचारक तथा सह प्रचारक, सभी शाखाओं (बौद्धिक, शारीरिक, प्रचार, प्रसार व संपर्क आदि) के प्रमुख, भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद सहित सभी आनुषांगिक संगठनों के 200 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

इनमें भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, सेवा भारती, राष्ट्र सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, शिक्षा भारती, हिन्दू स्वयंसेवक संघ, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, स्वदेशी जागरण मंच, सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, बजरंग दल, अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण बचाओ परिषद, लघु उद्योग भारती, भारतीय विचार केंद्र, विश्व संवाद केंद्र, राष्ट्रीय सिख संगत, विवेकानन्द केंद्र आदि संगठन शामिल हैं।

सुरक्षाकर्मियों का सख्त पहरा

बैठक स्थल से लेकर आस-पास कई किमी के दायरे में सुरक्षाकर्मियों का बड़ा ही सख्त पहरा बैठाया गया है। सुरक्षा के विषय को लेकर शासन-प्रशासन काफी गंभीर है। बैठक शुरू होने से एक दिन पूर्व गुरुवार की शाम आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद, रेंज के महानिरीक्षक मुथा अशोक जैन, जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई आदि ने बड़ी सूक्ष्मता के साथ निरीक्षण कर इंतजामात पर मुहर लगाई।

राजनाथ-जेटली 2 सितंबर को लेंगे हिस्सा

संघ पदाधिकारियों के अनुसार चूंकि समन्वय बैठक में कुछ ऐसे विषयों पर विमर्श किया जा रहा है जिन पर केंद्र के जिम्मेदार पदाधिकारियों की उपस्थिति अपेक्षित है इसलिए समझा जाता है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली बैठक में 2 सितंबर (शनिवार) को भाग लेंगे। यह बैठक उत्तर प्रदेश में आयोजित होने के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्रियों में से कोई एक, अथवा दोनों ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डा. दिनेश शर्मा भोजनावकाश के समय कार्यकर्ताओं से औपचारिक मुलाकात के लिए पधारेंगे।

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बैठक स्थल को मथुरा, आगरा और अलीगढ़ के संघ कार्यकर्ताओं द्वारा पूरी तरह से अपनी व्यवस्था में लिया गया है। सरकारी तंत्र के होने पर भी सुरक्षा से लेकर बाकी अन्य सभी व्यवस्थाएं वे स्वयं संभाल रहे हैं। जहां तक, गोपनीयता का सवाल है तो बैठक सभागार में प्रवेश का अधिकार ऐसे किसी भी कार्यकर्ता अथवा पदाधिकारी को नहीं है, जिसे उस क्षेत्र में जाने का आमंत्रण न मिला हो। दूसरे, सभी लोगों के मोबाइल सभागार से बाहर ही जमा करा लिए गए हैं. जिससे न तो संभाषण के दौरान व्यवधान उत्पन्न हो सके और न ही कोई भी सूचना लीक हो सके।

                    

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