मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में शनिवार शाम पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण 23 यात्रियों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है।
देर रात डीजीपी ऑफिस की ओर से मृतकों और घायलों की पुष्टि की गई। यह घटना शाम करीब 5:45 बजे हुई। खतौली मुजफ्फरनगर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। घटनास्थल पर पटरी से उतरे डिब्बे एक घर में भी घुसे। वहीं रात तक डिब्बे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश में बचाव टीमें लगी रहीं।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुज़फ्फ़रनगर ज़िलाधिकारी से हादसे का ब्यौरा लिया और हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। रेलवे मंत्रालय ने इस हादसे के बाद राहत-बचाव कार्य से जुड़े कई फ़ोन नंबर जारी किए हैं। रेल मंत्रालय राहत और बचाव अभियान में समन्वय कायम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में भी है।
Distressing news of Khatauli train accident. Hope everyone at the site puts in best efforts so that lives can be saved.🙏#Muzaffarnagar
— Narendra Modi (@narendramodi177) August 19, 2017
I am personally monitoring situation.Hv instructed senior officers to reach site immediately and ensure speedy rescue and relief operations https://t.co/OCpgUGhg5y
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 19, 2017
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी आनंद कुमार ने कहा, “तेजी से राहत और बचाव का काम सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जा रही है।“
दूसरी ओर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्रेन के पटरी से उतरने की इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “वह खुद हालात पर नजर रखे हुए हैं और किसी तरह की चूक का पता चलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।“ रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल के लिए रवाना हुए और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य (यातायात) से कहा गया है कि वे राहत और बचाव अभियान की निगरानी करें।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों और दो खोजी कुत्तों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। मेडिकल वैन भी घटनास्थल के लिए भेजे गए हैं। प्रभु ने कहा, “तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाने की सारी कोशिशें की जा रही हैं।“
ट्रेन कुल 2370 किलोमीटर की यात्रा 55 स्टेशनों पर रुकते हुए तय करती है। ओडिशा के भुवनेश्वर, कटक, जाजपुर रोड, भद्रक जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन से गुजरते हुए यह ट्रेन झारखंड के जमशेदपुर पहुंचती है। वहां से खरसावां, चक्रधरपुर होते हुए राउरकेला, बिलासपुर, शहडोल, ललितपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा, मथुरा, फरिदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए हरिद्वारा जाती है। यानी यह ट्रेन ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश होते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचती है।
वहीं, एडीजी कुमार ने कहा, “अंधेरे की वजह से बचाव अभियान में बाधा आने के कारण बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि बिजली आपूर्ति में कोई कमी नहीं हो। इसके अलावा मेरठ जोन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शाखाओं को अलर्ट कर दिया गया है और घायलों को उचित इलाज सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है।
वहीं, हादसे में घायलों में मुरैना के प्रदीप शर्मा, रामपुरी के ज्ञानेंद्र त्यागी और दारोगा दिनेश शर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग घायल हैं।
हरसंभव सहायता का प्रयास: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्कल एक्सप्रेस के डिब्बों के पटरी से उतरने पर गहरा दु:ख जताया। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय और राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है और जरूरी सहायता प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। जो लोग घायल हुए हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मैं कामना करता हूं। हालात की रेल मंत्रालय करीबी से निगरानी कर रहा है।“
#UtkalExpress मुज़फ्फरनगर ट्रेन एक्सीडेंट हेल्प लाइन नंबर #uppolice pic.twitter.com/9OoKSy6a7s
— UP POLICE (@Uppolice) August 19, 2017
आतंकी हमले की आशंका
ट्रेन हादसे में टेरर अटैक की संभावना को लेकर मौके पर एनआइए ही टीम को भी भेजा गया है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि ट्रेन हादसे के पीछे आतंकी हमले भी हो सकते हैं, हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए है। राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए हैं। घायलों को निकट के अस्पताल में पहुंचाया गया है। इनमें कई की हालत गंभीर है। यूपी एटीएस की टीम खतौली जा रही है। संभावित आतंकी एंगेल तलाशेगी।