इस बार नौ महीने का होगा शैक्षिक सत्र बच्चों और शिक्षकों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ 

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इस बार नौ महीने का होगा शैक्षिक सत्र बच्चों और शिक्षकों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ इस वर्ष 2017 का शैक्षिक सत्र बारह की बजाय नौ महीने का होगा।

मीनल टिंगल,स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में इस वर्ष 2017 का शैक्षिक सत्र बारह की बजाय नौ महीने का होगा। इससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ेगा। वहीं शिक्षकों पर पढ़ाने की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी।

इस वर्ष विधानसभा चुनाव के चलते शैक्षिक सत्र की शुरुआत एक जुलाई से होगी तो वहीं अगले वर्ष 2018 की शुरुआत एक अप्रैल ही की जाएगी। जिसके चलते इस वर्ष का शैक्षिक सत्र तीन महीने कम हो जायेगा। इससे बच्चों के साथ शिक्षकों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।

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काल्वेन ताल्लुकेदार्स इंटर कॉलेज में गणित के शिक्षक एसकेएस राठौर (46 वर्ष) कहते हैं, “जो कोर्स हर बार छह महीने में पूरा करना होता है। वह इस वर्ष तीन महीने में पूरा करना होगा। होली, दीवाली को मिलाकर अन्य छुट्टियां निकल जाती हैं, जिसके चलते पहले से ही कोर्स के लिए बच्चों और शिक्षकों के पास कम समय ही होता है। इस बार तो आधा समय ही होगा, जिसमें बच्चों पर कोर्स पूरा करने का तनाव होगा और शिक्षकों को कोर्स पूरा करवाने की जिम्मेदारी निभाने का तनाव होगा।”

वेंक्टेश सरोज (39 वर्ष) जो कि रामाधीन इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षक हैं। वह कहते हैं, “बच्चों पर तो पढ़ाई का बोझ रहेगा ही इसके साथ ही शिक्षकों की परेशानी भी बढ़ रही है। हम लोगों को पहले तो पता नहीं था कि शैक्षिक सत्र इस वर्ष जुलाई में शुरू होगा। इसलिए ज्यादातर शिक्षकों ने अपनी सारी छुट्टियां ले लीं हैं अब जब हम लोगों को छुट्टी की जरूरत होगी तो इसमें दिक्क्त आएंगी। अभी हम लोगों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी भी निभानी है।”

हर बार तो ऐसा होता नहीं है कि सत्र देर से शुरू हो। इस बार विधानसभा चुनाव के चलते यह हुआ है। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएं और बच्चों के कोर्स को तय समय में पूरा करवाएं इसके लिए ध्यान रखा जाएगा।
उमेश कुमार त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक

शाहमीना रोड स्थित राजकीय इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रीता शुक्ला जो कि बीते 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुई हैं और कार्यकारी प्रधानाचार्या के रूप में कॉलेज में कार्यरत हैं। वह कहती हैं, “इस बार शैक्षिक सत्र की शुरुआत जुलाई में होने के चलते मुझे और मुझ जैसे अन्य प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को सत्र लाभ नहीं मिल सका। जो शिक्षक मार्च में सेवानिवृत्त होते थे उनको तीन महीने का सत्र लाभ मिल जाता था और 31 जून को उनको सेवानिवृत्त किया जाता था लेकिन इस बार शैक्षिक सत्र जुलाई से शुरू होने के चलते हम लोगों का नुकसान हुआ। इसके साथ ही कक्षा एक से नौ तक के बच्चों को एक साथ तीन महीने की छुट्टी मिल गई।

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