लखनऊ। यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों की मदद के लिए यूपी पुलिस की ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ 112 मुहिम में सिर्फ तीन दिनों में 2200 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें गांवों से 600 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जबकि शहरों में शोरगुल से परेशान बच्चों में लखनऊ सबसे अव्वल रहा है जहां तीन दिनों में 294 शिकायतें दर्ज की गईं।
बच्चों की बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए डीजीपी के निर्देश पर 15 फरवरी से उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ मुहिम शुरू की गई। इस मुहिम में 112 को अब तक प्रदेश के 74 जिलों से शिकायतें मिल चुकी हैं। सिर्फ एक जिला महोबा ऐसा है जहां से कोई भी शिकायत 112 को नहीं मिली।
शहरी क्षेत्रों में 112 को तीन दिनों में 1600 शिकायतें मिलीं, शेष 600 शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों से रहीं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक 55 शिकायतें गौतमबुद्धनगर से मिलीं, इसके बाद 34 शिकायतें मेरठ से और 28 शिकायतें गाजियाबाद से रहीं। वहीं लखीमपुरखीरी और झांसी के ग्रामीण क्षेत्र क्रमश : 19 और 15 शिकायतों दर्ज करने के साथ चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
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इससे इतर शहरी क्षेत्रों में शोरगुल में लखनऊ की सबसे खराब स्थिति रहीं, जहां बच्चों ने सबसे ज्यादा 294 शिकायतें दर्ज कीं। इसके बाद गाजियाबाद से 161 शिकायतें और गाजियाबाद से सटे गौतमबुद्धनगर से 145 शिकायतें बच्चों से मिलीं। इसके अलावा कानपुर और मेरठ शहर क्रमश : 135 और 130 शिकायतों के साथ चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
महोबा रहा सबसे शांत
यूपी के बुंदेलखंड में महोबा एक अकेला ऐसा जिला है जहां अभियान शुरू होने के बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से अभी तक एक भी शिकायत 112 को नहीं मिली। इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले से तीन दिनों में सिर्फ 01 शिकायत मिली, यह शिकायत ग्रामीण क्षेत्र से रही। इसके अलावा महाराजगंज के ग्रामीण क्षेत्र से भी दो शिकायतें दर्ज की गईं।
इस बारे में 112 के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने कहा, “यातायात पुलिस के पास डेसीबल मीटर उपलब्ध है। प्रदेश के सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया है कि इनका प्रयोग किया जाए और ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ परीक्षार्थियों की मदद की जाए।”