लखनऊ। यूपी के खादी उत्पाद अब ऑनलाइन भी बिकेगी। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अविनाश किशन और ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजन के बीच मंगलवार (20 फरवरी) को एमओयू साइन हुआ। यह एमओयू सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी और प्रमुख सचिव खादी नवनीत सहगल की मौजूदगी में साइन हुआ।
एमओयू साइन होने के बाद अब खादी ग्रामोद्योग की इकाइयों के उत्पादों का होगा विपणन अब ऑनलाइन हो सकेगा। इसके बाद अमेजन इंडिया एमओयू के तहत ऑनलाइन खादी उत्पादों की बिक्री करेगा। साथ ही अमेजन इंडिया यूपी के गांवों में रहने वाले खादी कारीगरों को शिक्षित और प्रशिक्षित भी करेगा। ऑनलाइन उत्पादों की सूची में खादी की शर्ट, कुर्ते, धोती, टॉवल आदि शामिल होंगे। इसके अलावा ये एमओयू व्यवसायियों को डिजिटल कनेक्टिविटी देकर उन्हें डिजिटल इकोनॉमिक फ्रेमवर्क से भी जोड़ने का काम करेगा।
गांधीजी के सपने को पूरा किया
इस मौके पर राज्य के खादी ग्रामोद्योग एवं सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री सत्यदेव पचौरी ने खादी को लोकप्रिय, सुगमप्रिय और वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए सबको बधाई दी। उन्होंने कहा “यूपी खादी इतिहास के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। यह समय इन्वेस्टर समिट से पहले आया। गांधीजी ने जो सपना देखा था कि हम खादी से लोगों को रोजगार दें और स्वरोजगार से जोड़ें, ये सपना हमने पूरा किया।अभी तक हम इंडिया खादी को जानते थे, अब यूपी खादी को जानेंगे।”
खादी के वस्त्रों की मांग पूरे देश में बढ़ती जा रही है। हाल में खादी और ग्राम उद्योग आयोग ने एक बयान जारी करके बताया है कि वर्ष 2016-17 में खादी उत्पादों की बिक्री में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। सरकारों, कंपनियों, स्कूल-कॉलेजों और राज्य सरकारों की तरफ से भारी-भरकम ऑर्डर मिल रहे हैं। 2018-19 के अंत तक 5000 करोड़ रुपए की बिक्री का लक्ष्य तय किया गया है।
ताकि गरीबों के साथ-साथ बड़े लोगों की भी पसंद बने
सत्यदेव पचौरी बोले, ‘खादी गरीबों के साथ-साथ बड़े लोगों की भी पसंद बने इस दिशा में यूपी खादी बोर्ड काम कर रहा है। हमने खादी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। हममे इच्छाशक्ति है। तय किया है कि हम उत्पादन पर छूट देंगे। इससे उत्पादन बढ़ेगा। जब उत्पादन बढ़ेगा तो इसे बेचने के लिए एक अच्छा मार्केटिंग नेटवर्क चाहिए। इसलिए अमेजन के साथ ये एमओयू साइन किया गया।”
खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं अमेजन के मध्य खादी एवं ग्रामोद्योग इकाईयों हेतु उत्पादों केे आनलाइन विपणन के लिए स्थानीय ताज होटल,लखनऊ के क्रिस्टल हाल में एम0ओ0यू0 का निस्पादन कार्यक्रम में पत्रकार बन्धुओ से खादी पर वार्ता। #khadi #investorsummit2018 pic.twitter.com/XVSPBMG7zQ
— Satyadev Pachauri (@sdPachauri1) February 20, 2018
सोलर चरखी से बनेगा उत्पाद
मंत्री सत्यदेव पचौरी ने एक खास बात कही। उन्होंने कहा “हम ऐसे पहले खादी बोर्ड हैं, जिसने सोलर चरखी के उत्पाद को खादी की मान्यता दी है। इससे उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ ही उर्जा की भी बचत होगी। खादी का जो सपना गांधीजी ने देखा था और पीएम मोदी का जिस पर जोर है, उसे हम जन-जन तक पहुंचाएंगे। इस प्रयोग से खादी की उत्पादकता भी बढ़ेगी।”
‘यूपी खादी’ के नाम से बिकेगा उत्पाद
इस मौके पर प्रमुख सचिव नवनीत सहगल बोले, ‘अमेजन इंडिया के साथ साइन होने वाले एमओयू के तहत अब ऑनलाइन खादी उत्पादों की बिक्री संभव हो सकेगी। साथ ही अमेजन इंडिया यूपी के गांवों में रहने वाले खादी कारीगरों को शिक्षित और प्रशिक्षित भी करेगा। सहगल में बताया, कि खादी में अच्छे उत्पाद बनते हैं। लेकिन उन्हें कहां भेजा जाए ये किसी को मालूम नहीं। इसलिए ये एमओयू साइन किया जा रहा है। यूपी की खादी की संस्थाओं के उत्पादों को ‘यूपी खादी’ के नाम से अमेजन इंडिया ऑनलाइन पर बेचा जाएगा। अभी तक सात संस्थाएं इसमें शामिल हुई हैं। ये संस्थाएं अमेजन इंडिया के साथ व्यापार कर रही हैं। आगे अन्य संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा।’
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अमेजन इंडिया 1,500 कारीगरों को कर चुका प्रशिक्षित
इस मौके पर अमेजन इंडिया के गोपाल पिल्लई ने बताया “अब तक हम 1,500 खादी कारीगरों को यहां प्रशिक्षित कर चुके हैं। हमने इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी ऐसे एमओयू साइन किए हैं। इसके जरिए हम गांव के कारीगरों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने में मदद करेंगे। अब कारीगर खुद अमेजन इंडिया के जरिए अपने प्रोडक्ट को रजिस्टर करवा सकेंगे और ग्लोबल मार्केट से इसकी सही कीमत प्राप्त कर सकेंगे।”
इस समय देश में 1.42 लाख बुनकर और 8.62 लाख कातने वाले कारीगर हैं। एक अनुमान के अनुसार 9.60 लाख चरखों और 1.51 लाख करघों में खादी बन रही है। खादी ग्रामोउद्योग भवन, 24 रीगल बिल्डिंग, कनाट सर्कस नई दिल्ली खादी और ग्रामोउद्योग आयोग भारत सरकार का सबसे बड़ा शोरूम है। यहां पर खादी भंडार और खादी बिक्री केन्द्र पर खरीदारी के लिए आए लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है। देशभर में खादी के जितनी दुकानें और शोरूम हैं सब जगह की यही स्थिति है।
40 अन्य संस्थाओं को भी जोड़ेंगे
उन्होंने कहा, ये कदम डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के साथ-साथ जागरूकता और शिक्षा को बढ़ाने में भी मदद करेगा। गोपाल पिल्लई ने बताया कि अभी यूपी में खादी पर काम करने वाली 7 संस्थाएं उनसे जुड़ी हैं। आगे 40 अन्य संस्थाओं को इससे जोड़कर यूपी खादी को वैश्विक स्तर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा।
खादी और ग्रामोद्वयोग के समय विकास के लिए उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्वयोग बोर्ड का उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्वयोग अधिनियम 10 ऑफ 1960 के तहत एक सलाहकार निकाय के रूप में गठित किया गया था। इसके बाद खादी ग्रामोद्वयोग बोर्ड अधिनियम संख्या-64 196 में बोर्ड को राज्य में खादी और ग्रामोद्वयोग की योजनाओं को लागू करने का अधिकार दिया था।
इस प्रकार खादी और ग्रामोद्वयोग बोर्ड को एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में पुनर्गठित किया गया। खादी और ग्रामोद्वयोग का उद्देश्य कम पूंजी निवेश के साथ छोटे उद्वोग की सथापना और ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करके अधिकतम रोजगार अवसर बनाना है। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से प्रदेश में खादी का उत्पाद व खादी के वस्त्र बेचने वाली 536 संस्थान पंजीकृत हैं। इस संस्थानों से करीब सवा लाख बनुकर जुड़े हैं।