एनटीपीसी हादसा: एक गाँव के दो सगे भाइयों समेत पांच युवकों ने गंवाई जान

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एनटीपीसी हादसा: एक गाँव के दो सगे भाइयों समेत पांच युवकों ने गंवाई जानएनटीपीसी हादसे में सोनभद्र के किरविल गाँव के पांच युवकों की मौत के बाद शोक में डूबे ग्रामीण।

भीम कुमार

गाँव कनेक्शन, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

सोनभद्र। रायबरेली के एनटीपीसी ऊंचाहार में ब्वॉयलर फटने की घटना से 32 मृतकों में से पांच युवक सोनभद्र जिले के म्योरपुर थाना स्थित किरविल ग्राम पंचायत के देवरी टोले के हैं। इतने ही युवक इसी गाँव के घायल हुए हैं, जो लखनऊ में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

ग्राम प्रधान बच्चा लाल प्रजापति बताते हैं, “दो माह पहले गाँव के लगभग 11 युवक काम करने गए थे, जिसमें मान चंद (24 वर्ष), रूपचन्द्र (22 वर्ष) दोनों सगे भाईयों समेत रविन्द्र (27 वर्ष), गाफर सिंह (32 वर्ष), रामबाबू (22 वर्ष) की हादसे में मौत हो गई है, जबकि सुन्दर (18 वर्ष), बबलू (19 वर्ष), सुखदेव (26 वर्ष), विजय (27 वर्ष) घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। जबकि चाँगा ग्राम पंचायत निवासी हीरा (30 वर्ष) और राम सिंह (32 वर्ष) किरविल का कोई पता नहीं चल रहा है।“ गाँव में घटना की खबर आते ही कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रधान प्रजापति ने कस्बे में पहुंच कर पीड़ितों का हाल जाना और सांत्वना दी।

परिजनों को दी गई स्थिति की जानकारी

इस बारे में उप जिलाधिकारी भानुप्रताप सिंह ने फोन पर बताया, "क्षेत्रीय लेखपाल और म्योरपुर थाना अध्यक्ष गगनराज सिंह को किरविल भेजा गया है। घायल युवकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया है।"

इलाज के लिए बेच रहे जमीन

घायल विजय के पिता आत्मा ने बताया, "किसी आदमी के फोन से बात कराया कि मेरा बेटा बुरी तरह घायल है और जलने से उसकी चमड़ी जल गई है। बेटे ने मदद की गुहार लगाई है और लखनऊ बुलाया है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अभी तक हम वहां जा नहीं सके।“ 70 वर्षीय आत्मा सिंह का रो-रो कर बुरा हाल है, बदहाल परिजन जमीन गिरवी रखने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे वे लखनऊ में बेटे का इलाज करा सकें।

पिता पर टूटा गमों का पहाड़

किरविल गाँव के हीरा सिंह के तीन पुत्र उच्चाहार काम करने गए थे, जिसमें मान चंद और रूपचंद्र की मौत ने पिता को अंदर से तोड़ कर रख दिया है। गाँव में हर तरफ रोना-धोना मचा रहा। पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से दोनों बेटे बरसात की बुवाई के बाद कमाने चले गए थे। मृतक के दो और तीन वर्ष के दो बच्चे हैं।

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