बाढ़‍ से बचाने के लिए तटबंधों की मरम्मत का आदेश

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बाढ़‍ से बचाने के लिए तटबंधों की मरम्मत का आदेशखबर का असर।

लखनऊ। बरसात आते ही हर साल उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में भारी तबाही मचती है। ऐसे में इस साल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहले से ही बाढ़ से निपटने की तैयारी करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।

सोमवार को तेलीबाग स्थित कमांड सेंटर में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव सिंचाईसुरेश चन्द्रा, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता ओर अन्य अधिकारियों के साथ संभावित बाढ़ से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक की।

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इस अवसर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का स्पष्ट निर्देश है कि जनता का हित ही वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जनहित के कामों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। सिंचाई मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राथमिकता के साथ समय रहते हुए बाढ़ से प्रभावितजिलों के तटबंधों के मरम्मत एवं अनुरक्षण के कामों का पूरा कर लिया जाए।

सिंचाई मंत्री ने कहा कि बलिया, कुशीनगर, गोण्डा और सिद्धार्थनगर के अति संवेदनशील बंधों की मरम्मत का काम तुरंत शुरू करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर बाढ़ आने पर जनहानि और पशुहानि को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। बाढ़ से निपटने की तैयारी में मं जो भी अधिकारी लापरवाही और शीथिलता दिखाएगा उसके विरूद्ध सरकार कठोर कार्यवाही करेगी।

सिंचाई मंत्री ने प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा को निर्देश दिए कि बाढ़ से प्रभावित जिलों के जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाएं। बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित बलिया, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, गोण्डा सितापुर और गाजीपुर जिलों में कराये जा रहे मरम्मत के कामों के गुणवत्ता की जांच विभागीय टीम गठित करके कराई जाए। प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा ने कहा कि सभी अधिकारी मौके पर जा कर कराये जा रहे कामों निरीक्षण करें।

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