यूपी : महरौनी में मानदेय न मिलने पर पंचायत मित्र हड़ताल पर
Arvind Singh Parmar 6 Sep 2017 1:40 PM GMT
महरौनी। ललितपुर मुख्यालय से 40 किमी दूर महरौनी छपरट पंचायत में पंचायत मित्र पद पर तैनात लोग मानदेय न मिल पाने के कारण धरने पर बैठे हैं। दरयाव सिंह परमार (34) कहते हैं "मनरेगा के खर्च के एवज में प्रशासनिक मद (कंटनजेंसी) के तीन प्रतिशत फंड से मानदेय मिलता हैं। मनरेगा का कार्य कम होने पर कंटनजेंसी का रूपया उतना नही हो पाता जितना पंचायत मित्रों का मानदेय बनता ऐसे में पंचायत मित्रों का मानदेय नहीं मिल पाता, जिस वजह से मानदेय का भुगतान लेटलतीफ होता हैं, और महीनों इंतजार करना होता हैं।
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ग्यारह वर्षों में दो हजार रूपये से बढकर छह हजार रूपये मिलने लगा लेकिन ये मानदेय कब मिले कोई ठिकाना नही है। पिछले तीन महीनों से रोजगार सेवक (पंचायत मित्र) अपनी सैलरी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में इनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है। जिसकी वजह से प्रदेश के 37 हजार पंचायत मित्र आंदोलन की राह पर चल पड़े है। रोजगार सेवक संघ उत्तर प्रदेश के बुलाने पर पुरे प्रदेश में जनपद स्तर पर यह धरना प्रदर्शन कर रहे है। इसी क्रम में ललितपुर के कंपनी बाग में आज धरना दिया गया, 12 सितम्बर को प्रदेश भर के पंचायत मित्र (रोजगार सेवक) लखनऊ में धरने के लिए हूँकार भरेगें।
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दरयाव सिंह परमार जो कि इसी धरने में शामिल है उनका कहना है कि पंचायत में मनरेगा कार्य शून्य हैं, पर अन्य पंचायतों में ज्यादा काम हुआ हैं। ऐसी दशा में सामूहिक व्यय के एवज में निर्धारण अनुपात में आने पर कंटनजेंसी बनेगी, उसी से ही मानदेय मिल पाता हैं। वो आगे बताते है कि माँगो को लेकर प्रदेशभर के रोजगार सेवक लखनऊ के लक्ष्मण मेला में 12 सितम्बर से अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
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