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सिर्फ 300 रुपए में पशुपालकों को मिलेगी बछिया पैदा करने वाली तकनीक

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लखनऊ। आवारों पशुओं से निजात दिलाने और नस्ल सुधार के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही बछिया पैदा करने वाला सीमन पशुपालकों को देने वाली है। यह सीमन प्रदेश के 68 जिलों में 300 रुपए में और बुंदेलखंड क्षेत्र के पशुपालकों को 100 रुपए में उपलब्ध होगा।

इस सीमन का नाम सेक्स्ड सीमन (वगीकृत वीर्य) है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में इस सीमेन तैयार किया जाता है, जिससे केवल बछिया पैदा होती है। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने डॉ शिव प्रसाद ने बताया, ”यह सीमन को जल्द से जल्द पशुपालकों को उपलब्ध हो इसके लिए प्रदेश के25 जिलों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को इस सीमन की एआई करने का प्रशिक्षण दिया गया है। जल्द ही बचे जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।”

सीमन की जांच के लिए सरकार ने प्रदेश के तीन जिलों (इटावा, लखीमपुरखीरी, बाराबंकी) में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में गायों में इस सीमन का इस्तेमाल किया था, जिससे अभी तक 714 संतित जन्म ले चुकी है। इनमें से 648 मादा और बाकी नर ने जन्म लिया।


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”जहां पहले 10 में से 5 बछड़े पैदा हो रहे थे वहीं इस सीमन के इस्तेमाल से 10 में से 2 बछड़े ही पैदा हो रहे है किसानों को यह सीमन आसानी से मिल सके इसके लिए अप्रैल 2019 में हापुड़ के बाबू्गढ़ फार्म भी बनाया जा रहा है, जिसमें साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगीतीरी नस्ल के सीमन तैयार किए जाऐंगे।” डॉ शिव प्रसाद ने बताया, ”देश में इस समय 30 फीसदी (साढ़े सात करोड़) कृत्रिम गर्भाधान होता है, जिसमें 50-50 फीसदी नर और मादा होते हैं लेकिन इस तकनीक से ये मादा ही होंगी। इस तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान को 30 फीसदी से बढ़ाकर 80 फीसदी तक करने की तैयारी है।”

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह जी ने जुलाई 2018 में ऋषिकेश जिले के श्यामपुर में देश की पहली सेक्स सॉर्टेड सीमेन प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत इस प्रयोगशाला को 47 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के पशु प्रजनन प्रकोष्ठ अधिकारी डॉ. के.के चौहान ने गाँव कनेक्शन को बताया, ”अमेरिका की कंपनी एबीएस इंडिया से उत्तर प्रदेश में इस सीमन को खरीदा जाएगा। शुरू में देसी प्रजाति के 45 हजार डोज मंगवाए जाऐंगे। इसके लिए सरकार ने 49 करोड़ 75 लाख 7 सात का बजट रखा गया है। बजट पास होते है पशुपालकों को यह सीमन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पहले से जिले के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।”

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इस तरह पैदा होगी बछिया-

सामान्य सीमन में x वा y दोनों ही तरह के क्रोमोजोम को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं। यानी एक ही सीमन सैंपल में कुछ स्पर्म x क्रोमोसोम वाले होते हैं तथा कुछ स्पर्म क्रोमोसोम y वाले होते हैं| ऐसे सीमन से एआई (कृत्रिम गर्भाधान) करने पर यदि x क्रोमोसोम वाला स्पर्म अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछिया पैदा होती है और यदि y क्रोमोसोम वाला क्रोमोसोम अंडे को फर्टिलाइज करता है तो बछड़ा पैदा होता है। सेक्स सोर्टेड सीमन में सिर्फ एक ही तरह के क्रोमोजोम (x या y) को कैरी करने वाले स्पर्म होते हैं। यानी एक सीमन सैंपल में सभी स्पर्म x क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं या सभी स्पर्म y क्रोमोसोम कैरी करने वाले होते हैं। x क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से AI करने पर बछिया पैदा होती तथा y क्रोमोसोम वाले सेक्सड सीमन से AI करने पर बछड़ा पैदा होता है| इसलिए इस तकनीक के इस्तेमाल से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होती है। 

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