पीएम के संसदीय क्षेत्र में जीएसटी का विरोध
Vinod Sharma 30 Jun 2017 6:45 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार के लिए जीएसटी लगाने के निर्णय का उनके संसदीय क्षेत्र में जबर्दस्त विरोध दिखा। शुक्रवार को जीएसटी के विरोध में व्यापारियों के आह्वान पर बनारस बंद रहा। शहर की सभीप्रमुख मंडियों में मौजूद दुकानों पर ताले लटके रहे। जंजीरों में खुद को कैद कर व्यापारियों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शनकिया।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के विरोध में नारे लगाए गए और जीएसटी को काला कानून करारदिया गया। हालांकि ग्रामीण अंचलों में बंद को छिटपुट असर दिखा। उधर, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लंका चौराहे परजीएसटी के विरोध में प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार को जनता का विरोधी जताया।
वाराणसी के करीब 150 से ज्यादा व्यापार संगठनों ने बनारस बंद का समर्थन किया था और गुरुवार रात व्यापारियों नेमछोदरी से चौक तक मशाल जुलूस निकालकर जनता से भी समर्थन का आह्वान किया था। व्यापारियों के आह्वान का असर शुक्रवार को साफ दिखा।
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जीएसटी के विरोध में पूरे शहर के व्यापारी एकजुट दिखे, जिसमें जतना का मौन समर्थन रहा। पूर्वांचल की प्रमुख गल्लामंडी विशेश्वरगंज में खुद को जंजीरों में कैदकर व्यापारियों ने क्षेत्र में जुलूस निकाला और विरोध प्रदर्शन किया। गोलादीनानाथ स्थित केराना मंडी, रेशम कटरा और सुडिय़ा की सराफा मंडी, चौक स्थित साड़ी मंडी, बांसफाटक, गौदोलिया का कपड़ामार्केट, मालवीय मार्केट, शू मार्केट बेनियाबाग, हाड़हा सराय, नई सड़क, लहुरावीर, मलदहिया, रथयात्रा, महमूरगंज, लक्सा,गुरुबाग, लंका मार्केट, रामनगर, मंडुवाडीह, लहरताला समेत शहर की सभी छोटा और बड़ा बाजार पूरी तरह से बंद रहा।दुकानों पर ताले लटके थे।
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बाहर व्यापारियों की भीड़ थी, लेकिन वरुणा पार अर्दली बाजार, पांडेयपुर, आशापुर, भोजूबीर में कुछ दुकानें खुली होने कीसूचना पर व्यापारियों ने वहां पहुंच दुकानें बंद कराईं। बंद के समर्थन में शहर के सभी पेट्रोल पम्प भी दो घंटे के लिए बंद रहे।इसके अलावा ग्रामीण अंचल पिंडरा, फुलपुर, हरहुआ, भोजूबीर, चितईपुर, रोहनियां में भी बंद का व्यापक असर दिखा, जबकि अन्य जगहों पर कुछ दुकानें खुली थीं।
मंडुवाडीह बाजार में दुकान के बाहर खड़े साड़ी व्यवसायी संजय सोमानी (42वर्ष) ने बताया,“ हम लोग जीएसटी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उसमें कुछ विसंगतियां हैं, जिसे दूर करने की मांग है। ”
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विशेश्वरगंज स्थित गल्ला मंडी के व्यापारी बालकृष्ण गुप्ता (40वर्ष) बताते हैं,“ जीएसटी के बारे में अभी तक हमें कोईजानकारी नहीं है। सरकार या विभाग के अधिकारियों द्वारा भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे भ्रम की स्थिति है। ”
शू शॉप कीपर मो. युनूस (50वर्ष) बताते हैं, “जैसा मुझे पता है कि एक हजार रुपए तक के दाम वाले जूता-चप्पल पर कोईकर नहीं लगेगा। हम छोटे दुकानकार हैं। हमारे यहां एक हजार से ऊपर के रेंज में जूता-चप्पल नहीं है। हमारे हिसाब से ठीक है।”
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