लखनऊ। आप के शहर और गाँव में अगर पर्याप्त बिजली नहीं आ रही है तो उसकी एक बड़ी वजह बिजली चोर और वो लोग हैं, जो बिल नहीं चुकाते। आपके टैक्स से बनाई गई बिजली को कटियामार चोरी करके न सिर्फ आपका हक मार रहे हैं, बल्कि सरकार को भी करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। बिजली की चोरी करने और बिल न देने वाले लोग बिजली कर्मचारियों से मारपीट से भी बाज नहीं आ रहे।
हाल में आगरा में बिजली चोरी रोकने गए बिजली विभाग के कर्मचारियों को लोगों ने लहुलुहान कर दिया। ऐसे वाक्ये कई जिलों से लगातार सुनने में आते हैं। प्रदेश में 15000 मेगावाट बिजली की जरूरत है और सिर्फ 12500 मेगावाट बिजली उपलब्ध है, जिसमें से बड़ी मात्रा में कटियामार चोरी कर ले जाते हैं, जिसकी बदौलत आम उपभोक्ता बिजली कटौती और आवाजाही से परेशान होते हैं।
खुद सरकार मानती है कि पर्याप्त बिजली आपूर्ति में कटियामार चोर और बिल न देने वाले लोग बाधा है। करीब 72 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे यूपी पावर कॉरपोरेशन के मुताबिक, प्रदेश के 84 लाख जगहों (घर और व्यवासायिक) पर कटिया लगाकर बिजली चोरी की जाती है। जिससे सरकार को सालाना करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान होता है। इस नुकसान का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भी उठाना पड़ता है।
आगरा-ग्राम विजय मल्हेला में डिस्कनेक्शन कार्य के दौरान ग्रामीण लोगों ने कर्मचारियों पर जानलेवा हमला कर दिया जिससे एक कर्मचारी संविदा पेट्रोल मेन भोला की हालत अत्यधिक गंभीर है मौके पर 100 नंबर पुलिस बुलाकर बमुश्किल जान बचाई जा सकी @agrapolice @ChairmanUppcl @UPPCLLKO @EMofficeUP pic.twitter.com/1IHQL7qwUj
— SKVerma MD Agra (@SKVERMA1709) June 27, 2018
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया, “हमारी सरकार के गाँवों को 18 और शहरों को 24 घंटे बिजली देने के वादे में बिजली चोरी बड़ी बाधा है। बिजली चोरी और बिल न देने से विभागीय घाटा 72 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। चोरी के चलते समय पर बिल चुकाने वाले उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं। जब बिजली चोरी होती है या लोग बिल नहीं चुकाते तो विभाग को चलाने के लिए टैरिफ (बिजली के रेट) बढ़ाने पड़ते हैं। इसीलिए बिजली चोरी रोकने के लिए हमारी सरकार अभियान चला रही है और इसमें आम लोगों को सहयोगी बनाया है।”
वो आगे बताते हैं, ” कन्नौज, एटा, इटावा समेत कई ऐसे फीडर हैं, जहां 80 फीसदी तक लाइन लॉस है, जिसकी बड़ी वजह चोरी है। ऐसे फीडर चिन्हित कर लिए गए हैं। कैबिनेट से बिजली थाना बनाने की योजना पास हो चुकी है। विभाग के अभियान के तहत काफी लोगों को पकड़ कर जेल भेजा गया है, कुछ पर गुंडा एक्ट भी लगाया गया है।”
ऊर्जा मंत्री आगे बताते हैं, “आम उपभोक्ताओं को अपने आसपास के बिजली चोरों को पकड़वाना चाहिए। मदद करने वालों के नाम न सिर्फ गोपनीय रखे जाते हैं, बल्कि उन्हें इनाम भी मिलता है। पूरे प्रदेश को जल्द 24 घंटे बिजली मिलेगी।”
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बिजली विभाग के अभियान के मुताबिक 5 किलोवाट से अधिक के कनेक्शन की बिजली चोरी पकड़वाने पर जो चार्ज लगता है, उसके शमन शुल्क का 10 फीसदी गोपनीय सूचनाकर्ता और 10 फीसदी कर्मचारियों को दिया जाता है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाँवों को 18 घंटे और शहरों में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने की बात कही थी, विभाग के मुताबिक बिजली चोर योगी के वादे को पीछे करने में लगे हैं। बिजली चोरी के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष पर है। 40 प्रतिशत से ज्यादा लाइन हानियों वाले देश भर के 145 विद्युत वितरण खंडों में 51 यूपी के हैं। केंद्र सरकार ने यूपी में लाइन हानियों पर चिंता जताते हुए इसे कम करने को कहा है।
बिजली चोरी ईमानदार उपभोक्ताओं के हितों पर कुठाराघात है।यह राष्ट्रीय अपराध है। अधिकारी अधिक लाइन लॉस वाले फीडर को चिह्नित कर संबंधित क्षेत्रों में बिजली चोरी के विरुद्ध व्यापक अभियान संचालित करें। प्राथमिकता के आधार पर यह भी सुनिश्चित करें कि अभियान में निर्दोषों का उत्पीड़न न हो।
— Shrikant Sharma (@ptshrikant) June 30, 2018
यूपी के बड़े शहरों में हो रही 70 प्रतिशत बिजली चोरी
पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री ने मीडिया के सामने कहा था, 70 प्रतिशत बिजली चोरी राज्य के बड़े शहरों में हो रही है। बिजली चोरी रोकने के लिए सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है। इस मामले में सरकार ईमानदार उपभोक्ताओं से भी बिजली चोरों के बारे में जानकारी देने की अपील कर रही है। उनसे प्राप्त हर सूचना पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।
आने वाले कुछ दिनों में बनेंगे बिजली थाने
बिजली चोरी रोकने के लिए हर जिले में बिजली थाने की स्थापना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। विभाग के मुताबिक बिजली थानों को लेकर गृह विभाग की कुछ आशंकाएं थीं जिनका निपटारा हो गया है। बिजली थानों का संचालन उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन होगा और इन थानों पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
इन तरीकों से करते हैं बिजली चोरी
बिजली चोरी को रोकने के लिए पहले मेनुअल मीटर में होने वाली छेड़छाड़ को खत्म करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाए गए हैं, लेकिन बिजली चोरों ने इलेक्ट्रॉनिक मीटर का भी तोड़ निकाल लिया है।
- इंजेक्शन से मीटर को जमा करके
- रजिस्टेंस लगाकर होती है बिजली चोरी
- ग्रीसलिन और पानी डाल कर पुश बटन को जाम कर देते हैं
- एक्स-रे चिप लगाकर करते हैं बिजली चोरी
- कटिया डालकर बिजली चोरी
- मीटर के साथ टेंपरिंग करके
- विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत करके
- अर्थ के तार को काटकर होती है बिजली चोरी
- मीटर में रीडिंग छोड़ कर
क्या कहते हैं आंकड़े
84 लाख घरों में कटिया लगाकर बिजली चोरी की जाती है यूपी में
10 हज़ार करोड़ का नुक़सान होता है सरकार को सालाना
72 हज़ार करोड़ के घाटे में है यूपी पावर कॉरपोरेशन
15000 मेगावाट बिजली की जरूरत है प्रदेश में
12500 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध है प्रदेश के लोगों को
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