पूर्वांचल को मिला एम्स का तोहफा, जल्द शुरू होगा निर्माण 

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पूर्वांचल को मिला  एम्स का तोहफा, जल्द शुरू होगा निर्माण एम्स लोगो। साभार इंटरनेट

लखनऊ। पूर्वांचल को एम्स का तोहफा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच बृहस्पतिवार को अहम एमओयू हुआ। जिसमें गोरखपुर में एम्स को लेकर केंद्र और राज्य में आपसी सहयोग को लेकर सहमति बन गई। प्रदेश की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एमओयू के गवाह बने। उनके साथ में चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी शामिल रहे। इस एम्स के बनने से स्वास्थ्य की दृष्टि से अति पिछड़े गोरखपुर और आसपास के 20 जिलों के लिए एक वरदान साकार होने का समय आ गया है।

आपको बता दें कि जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई), न्यूरोलॉजी से जुड़े खतरनाक रोग, जानलेवा हो चुके कैंसर, पथरी से जुड़े भयावह विकार से पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल हजारों लोग बिना इलाज दम तोड़ते हैं। इलाज न मिल पाने की वजह भी साफ है, क्योंकि एक छोर पर लखनऊ तो दूसरी छोर पर पटना है और सबसे आखिर में दिल्ली। ऐसे में इन दूरदराज के शहरों के अलावा सुपर स्पेश्येलिटी से जुड़े इलाज की नजदीक में कहीं व्यवस्था ही नहीं है।

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इस तरह देखा जाए तो फैजाबाद से कुशीनगर और सुल्तानपुर से सोनभद्र के रहने वाले लोगों के लिए गोरखपुर में बनने वाला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) इलाज कराने का सबसे बड़ा विकल्प बनकर सामने आएगा। एमओयू के अनुसार एम्स का निर्माण केंद्र सरकार के खर्च और राज्य सरकार की ओर से दी गई मुफ्त जमीन पर होगा।

750 बेड की क्षमता का होगा अस्पताल

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 1011 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर में एम्स बनाया जाएगा। केंद्र सरकार मानती है कि, ‘नए एम्स की स्थापना करोड़ों की आबादी को सुपर स्पेशियेलिटी स्वास्थ्य सेवाएं देगी। एम्स की क्षमता 750 बिस्तरों की होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखपुर में हमने एम्स के लिए मुफ्त जमीन दी। रायबरेली के एम्स के लिए भी यूपी सरकार ने ही मुफ्त में जमीन दी है। आपको बता दें कि इससे पहले पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत गोरखपुर में एम्स की स्थापना को मंजूरी दी गई थी।

एम्स के लिए अवध से लेकर पूर्वांचल तक छाई खुशी

एम्स बनने को लेकर क्षेत्रवासियों में काफी खुशी है। फैज़ाबाद के भवनियापुर गाँव के रहने वाले महेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं, “गोरखपुर में एम्स खुलने से सिर्फ फैज़ाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र को लाभ मिलेगा। अभी कोई भी गंभीर बीमारी होने पर लोगों को केवल लखनऊ ही रेफर किया जाता है।”

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महोली फैज़ाबाद के शैलेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं, “एम्स गोरखपुर स्थापित होना सिर्फ मोदी सरकार के लिए ही उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह फैज़ाबाद के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी जैसा है।” देवरिया सदर में रहने वाले किसान दिलीप मिश्र (36 वर्ष) का कहना है, “हमने अपने आसपास न जाने कितने ही बच्चों को दिमागी बुखार का शिकार होकर मरते देखा है। अब जबकि एम्स बनना तय हो चुका है, तो हमारे लिए ये बहुत खुशी की बात है।”

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