अयोध्या में श्री राम लगाएंगे टूरिज्म का बेड़ा पार
गाँव कनेक्शन 14 May 2017 7:41 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। जल्द ही अयोध्या में भगवान राम का म्यूजियम बनने जा रहा है। यहां उनके भजन, शिक्षा के साथ-साथ नियमित यज्ञों का आयोजन भी किया जाएगा। म्यूजियम में सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं बल्कि टूरिस्ट्स भी आ सकेंगे।
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले राम संग्रहालय का निर्माण करने की इच्छा जाहिर की थी और इसके लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक स्थान भी चिह्नित कर लिया गया था लेकिन अखिलेश यादव की सरकार ने इस जमीन को आवंटित करने से मना कर दिया था। दरअसल यह संग्रहालय अखिलेश सरकार के अधीन नहीं आना था।
श्री राम की शिक्षाएं सिर्फ हिंदुओं तक सीमित नहीं हैं। सभी धर्मों के लोगों के लिए भगवान राम का अपार महत्व है। संग्रहालय उनकी शिक्षाओं के ऐसे बहुत से पहलुओं को उजागर करेगा, जिन्हें विज्ञान समझ नहीं पाया है।राम अवतार, अध्यक्ष, रामायण सर्किट नेशनल कमेटी
मार्च में जब सरकार बदली तो योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरयू नदी के किनारे पर 25 एकड़ जमीन जारी की और अब केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 225 करोड़ रुपए की लागत से संग्रहालय बनवाया जा रहा है।
परिकल्पना परिपत्र (कंसेप्ट नोट) के अनुसार, ‘मुख्य ढांचा राम मंदिर के विवादित स्थान से लगभग छह किलोमीटर दूर होगी। यह एक ‘भव्य मंदिर' जैसा होगा और ‘राम दरबार' में खुलेगा। इसमें वर्चुअल रिएलिटी और थ्रीडी डिस्पले जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा, जिन्हें प्राचीन परंपराओं का प्रदर्शन करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
नोट के अनुसार, संग्रहालय श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी है। यह भगवान राम की शिक्षाओं का प्रतीक होगा। इस नोट को राम अवतार ने तैयार किया है, जो केंद्र द्वारा गठित रामायण सर्किट नेशनल कमेटी के अध्यक्ष हैं।
अवतार ने कहा कि उनकी शिक्षाएं सिर्फ हिंदुओं तक सीमित नहीं हैं। सभी धर्मों के लोगों के लिए भगवान राम का अपार महत्व है। संग्रहालय उनकी शिक्षाओं के ऐसे बहुत से पहलुओं को उजागर करेगा, जिन्हें विज्ञान समझ नहीं पाया है।
अवतार संग्रहालय के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा होने की बात से इनकार करते हैं। यह संग्रहालय 18 माह में पूरा होना है, जो कि वर्ष 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले है। भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर के मुद्दे को चुनाव प्रचार में उठा सकती है।
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