लखनऊ। किसानों को गन्ना भुगतान में लापरवाही करने वाली प्रदेश की पांच बड़ी चीनी मिलों के खिलाफ गन्ना आयुक्त ने आरसी रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया है। वसूली के पैसे से गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव व गन्ना एवं चीनी विभाग के आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया, “मोदी समूह की मलकपुर-बागपत,चीनी मिल, गड़ौरा-महराजगंज चीनी मिल, सिम्भावली समूह की चिलवरिया-बहराइच चीनी मिल, बजाज समूह की इटईमैदा-बलरामपुर चीनी मिल तथा यदु समूह की बिसौली-बदायूं चीनी मिल के खिलाफ आरसी जारी की गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “कई बार की नोटिस के बाद भी ये मिलें गन्ना किसानों के भुगतान में लापरवाही बरत रही थी। इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा था।” चीनी मिलों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गन्ना अधिनियम 1953 की धारा 17 (4) और 18 (3) के तहत रिकवरी की कार्यवाही की जा रही है।
“भुगतान में लापरवाही बरतने वाली 05 बड़े बकायेदार चीनी मिलों के खिलाफ जारी किए गए वसूली प्रमाण पत्र”#canewebsitehttps://t.co/9NUV4dotGIhttps://t.co/XxBQzsqsQ9
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गन्ना आयुक्त के मुताबिक जिला प्रशासन भू-राजस्व के बकाया कि तरह ही चीनी मिलों से वसूली कर सकेगा, जिससे किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में मदद मिलेगी। अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए चीनी मिलों को समीक्षा बैठकों एवं नोटिसों के माध्यम से जल्द भुगतान कराए जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
पेराई सत्र 2020-21 में संचालित 120 चीनी मिलों में से 36 चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिशत तथा 29 चीनी मिलों द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक का भुगतान गन्ना किसानों को किया जा चुका है। इनमें से 19 चीनी मिलें तो 90 प्रतिशत से अधिक का भुगतान कर चुकी है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कराने के लिए रोजाना गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की जा रही है। गन्ना किसानों के बकाये का सौ फीसद भुगतान सरकार की प्रतिबद्धता है। भूसरेड्डी ने बताया कि बकाया चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि भुगतान के संबंध में निर्देशों का पालन न करने वाली मिलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।