लालबत्ती गई मगर नहीं जा रहा रौब

Rishi MishraRishi Mishra   22 April 2017 5:19 PM GMT

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लालबत्ती गई मगर नहीं जा रहा रौबटोल प्लाजा पर भाजपा विधायक द्वारा की गई मारपीट का फोटो।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी की सरकार में विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के जिस रसूखदारी का भाजपा ने भरसक विरोध किया था। जनता को यह कह कर भाजपा सत्ता में आई थी कि यहां कानून का राज खत्म हो चुका है। मगर सरकार बदलने के बाद अब वही कुछ भाजपा के नेताओं के साथ भी होता हुआ नजर आ रहा है।

टोल प्लाजा पर विधायक की बदसुलूकी, दिव्यांग के लिए मंत्री के अपशब्द, बेतरतीब होर्डिंग, गाड़ियों पर झंडे और भगवा गमछे का रौब कम नहीं हो रहा है। भाजपा के मुस्लिम नेता कारसेवा करने के नाम पर ईंट लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं। सहारनपुर में गलत रूट पर अंबेडकर जयंती का जुलूस भाजपा सांसद के नेतृत्व में निकाला गया। नतीजा ये हुआ कि तनाव व्याप्त हो गया। ये समस्याएं बढ़ती जा रही है। सरकार के अच्छे कामों के बीच में प्रचंड बहुमत का गर्व भी रोड़ा बन रहा है।

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भाजपा सरकार आने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती का आगाज हुआ। कई मामलों में जांच शुरू की गई। कर्मचारियों को तय समय पर दफ्तर में आने को लेकर डंडा चला। सफाई की बातें बढ़ीं। जगह जगह विभागों में मंत्रियों ने निरीक्षण किये। जिससे प्रदेश में माहौल बदलने लगा। जिसके बाद में केंद्रीय कैबिनेट के फैसले पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने वीआईपी कल्चर को कम करने के लिए आकस्मिक सेवाओं को छोड़ कर लाल और नीली बत्ती पर रोक लगा दी। इस बस कवायद के बावजूद प्रचंड बहुमत से निकली एरोगेंस ऑफ पॉवर (सत्ता का दंभ) भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर नजर आने लगी है।

कहां-कहां बेअंदाज हुए भाजपाई

लाल और नीली बत्ती उतारने का फरमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जारी कर दिया गया है। जिस पर अमल का आगाज भी हो गया है। मगर जिलों से लेकर राजधानी तक भगवा मनबढ़ई भी भारी पड़ रही है। हाल ही कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो बरेली में टोल नाके पर भाजपा विधायक महेंद्र यादव ने अधिक देर तक गाड़ी रोके जाने से नाराज होकर टोल कर्मी को मारा। जबकि राजधानी में खादी ग्रामोद्योग विभाग के दफ्तर में निरीक्षण के दौरान राज्यमंत्री सत्यदेव पचौरी ने एक दिव्यांग कर्मचारी को अपशब्द कह दिये।

भाजपा के मुस्लिम नेता आजम खान एक ट्रक ईंट और समर्थकों को लेकर अयोध्या पहुंच गए। सहारनपुर में भाजपा सांसद और विधायकों ने बिना प्रशासनिक अनुमति के संवेदनशील गांव से अंबेडकर जयंती की शोभायात्रा निकाली और दंगा हो गया। बरेली में टोल नाके पर भाजपा विधायक रोके जाने से इतने नाराज हो गए कि उन्होंने टोल कर्मचारी को पीट दिया। इससे पहले लखनऊ में एक भाजपा विधायक की भांजी ने उन पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था। पुलिस के सामने इस मामले को रफा-दफा किया गया।

राजधानी से लेकर जिलों तक भाजपाइयों के अवैध होर्डिंग

राजधानी लखनऊ से लेकर जिलों तक भाजपाइयों के अवैध होर्डिंगों के नजारे आम हैं। सरकार बने हुए एक महीने से भी अधिक का समय बीत गया है। मगर मंत्रियों, विधायकों को बधाई देने का सिलसिला अब तक खत्म नहीं किया गया है। जिससे शहरों का स्वरूप बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। कुछ इसी तरह से गाड़ियों पर भाजपा के झंडों का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनका अर्दब सड़क पर झाड़ा जाता है।

“ कुछ मामलों में मनबढ़ई सामने आई है। जिसमें प्रशासन को अपना काम करने के लिए किसी ने भी नहीं रोका है। कोई दबाव अफसरों पर नहीं है कि वे किसी गलत काम करने वाले व्यक्ति को न रोकें। जहां तक सहारनपुर में शोभायात्रा में हुए तनाव की बात है तो ये पूरी तरह से प्रशासनिक नाकामी का परिणाम है। होर्डिंग और झंडों का जो शहर में जगह जगह नजारा दिख रहा है, ये क्षणिक है। बहुत जल्द ही ये सब खत्म होगा।”
राकेश त्रिपाठी, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता

बीजेपी कार्यकर्ताओं की मनमानी पर विपक्ष का वर्जन

सत्ता में आने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता बेलगाम हो गए हैं। एक तरफ उनके नेता सत्ता के बाद शुचिता की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर उपद्रव कर रहे हैं। इनके कार्यकर्ता पुलिस वालों का पीट रहे हैं, इनके विधायक टोल ब्रिज कर्मी को थप्पड़ मार रहे हैं। जनता देख रही है। आने वाले समय में इनकेा जनता ही सबक सिखाएगी।
राजेन्द्र चौधरी, मुख्य प्रवक्ता, समाजवादी पार्टी

बीजेपी सरकार को एक महीना ही सत्ता में आए हुए हैं लेकिन कई जगहों से ऐसी सूचनाएं आ रही हैं जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने में लगे हैं। बीजेपी के नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा.
सत्यदेव त्रिपाठी, प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य के किसी भी हिस्से में किसी को भी कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा। जो भी कानून-व्यवस्था की रहा में बाधक बनेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
दलजीत चौधरी, एडीजी कानून-व्यवस्था उत्तर प्रदेश पुलिस

            

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