लखनऊ। यूपी के बाराबंकी में खादी और ग्रामोद्योग आयोग से रिटायर विकास अधिकारी चंद्र प्रकाश पीएम मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में खासा योगदान कर रहे हैं। चंद्र प्रकाश ‘जागो री जागो’ अभियान चलाते हैं। इसके तहत बेटियों की पढ़ाई से लेकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है।
चंद्र प्रकाश बताते हैं कि ”जागो-री-जागो अभियान की शुरुआत 2013 में हुई। इसका मकसद बेटियों को लेकर समाज की सोच को बदलना है। हम लोग बेटियों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के काम में जुटे हैं। ये काम अलाभकारी और पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है, जिसे कहीं से कोई सहायता प्राप्त नहीं है।”
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चंद्र प्रकाश बताते हैं, ”मैं भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग से 2012 में रिटायर हुआ था। इसके बाद जन सेवा में लग गया। बेटियों की सुरक्षा को लेकर इस अभियान की शुरुआत की। इसके तहत बाराबंकी के बंकी ब्लॉक में स्थित मंजीठा गांव को गोद लिया गया। अब हम इस गांव में काम कर रहे हैं।”
225 लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग दी गई
चंद्र प्रकाश गांव की लड़कियों को सिलाई, कढ़ाई, पेपर ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग दिला चुके हैं। अब तक 225 लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग दी गई है। 20 लड़कियों को पेपर ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चंद्र प्रकाश का कहना है कि ”गांव में सबसे बड़ी समस्या ये है कि यहां लड़कियों को पैदा ही नहीं होने देते। इसके लिए हम जागरूकता अभियान चलाकर लोगों से बात करते हैं। इसके साथ ही जिन घरों में लड़कियां हैं उन्हें स्कूल भेजने की भी सलाह देते हैं।”
60 लड़कियों को दी साइकिल चलाने की ट्रेनिंग
चंद्र प्रकाश के साथ गांव की ही 16 लड़कियां वॉलेंटियर के तौर पर जुड़ी हैं। ये लड़कियां उनके अभियान को सफल बानने का काम करती हैं। चंद्र प्रकाश बताते हैं, ”बच्चियों के स्कूल जाने में एक ये भी दिक्क्त थी कि स्कूल काफी दूर थे। ऐसे में पैदल जाना मुमकिन न हो पाता। इसके लिए हमने गांव की करीब 60 लड़कियों को साइकिल चलाना सिखाया और गांव में 16 साइकिलें रखीं। अब जिन भी लड़कियों को स्कूल जाना होता है वो ये साइकिल लेकर स्कूल जा सकती हैं।”
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नि:शुल्क शिक्षा के लिए रोजाना चलाते हैं क्लास
चंद्र प्रकाश गांव में रोजाना तीन बजे से पांच बजे तक क्लास भी चलाते हैं। इसमें कक्षा 1 से लेकर 8 तक की 100 लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। इसमें उनके अभियान से जुड़ी 4 वॉलेंटियर भी शामिल होती हैं। इनमें से तीन पढ़ातीं हैं और एक वॉलेंटियर गांव में जाकर लड़कियों को क्लास के लिए बुलाती है।
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अभिभावकों को करते हैं जागरूक
चंद्र प्रकाश बेटियों के प्रति समाज का नजरिया बदलने की सोच रखते हैं। इसी कड़ी में वो हर 15 दिन पर गांव में ही अभिभावकों के साथ मीटिंग करते हैं। इस मीटिंग में वो अभिभावकों को लड़कियों को पढ़ने देने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और हाईजीन को लेकर बात करते हैं।
महिलाओं और लड़कियों तक पहुंचाते हैं सेनेट्री पैड
चंद्र प्रकाश बताते हैं, हम इस अभियान के तहत लड़कियों तक सेनेट्री पैड भी पहुंचा रहे हैं। हमें नाइन नामक कंपनी 20 रुपए में सेनेट्री पैड देती है। इसे हम 5 वॉलेंटियर के माध्यम से लड़कियों तक पहुंचाते हैं। चूंकि, वॉलेंटियर हमारे साथ सेवा भाव से जुड़ी हैं। ऐसे में हम उन्हें कोई पारिश्रमिक नहीं देते। लिहाजा वो सेनेट्री पैड को 25 रुपए में लड़कियों को देती हैं, जिससे उनके खर्च निकल सकें। चंद्र प्रकाश सेवा भाव की मिसाल हैं। रिटायर होने के बाद उन्होंने जन सेवा का जो काम उठाया है वो वाकई काबिले तारीफ है। हमारे समाज को चंद्र प्रकाश जैसे अन्य लोगों की भी जरूरत है, जिससे ये समाज और सशक्त हो सके।
2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाएगा दान उत्सव
महात्मा गांधी की जन्म ज्यन्ती (2 अक्टूबर) से एक हफ्ते तक चलने वाले दान उत्सव में भी बाराबंकी की ओर से ‘जागो री जागो’ अभियान से जुड़े लोग शामिल होंगे। बता दें, दान उत्सव हर साल 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इसे परोपकार के सप्ताह के तौर पर भी जाना जाता है। 2009 में इसे लॉन्च किया गया था। इस उत्सव को देश के हर वर्ग के लोग मनाते हैं। पिछले 10 वर्षों में दान उत्सव ने पूरे देश में लाखों लोगों को प्रोत्साहित किया है। एक साधारण विचार के रूप में शुरू हुआ ये कार्यक्रम अब दान देने एक बड़ा आंदोलन है। इसमें निगमों, स्कूलों, कॉलेजों, गैर-लाभकारी संगठन, सरकारों और समुदायों की भागीदारी है।
रिपोर्ट: रणविजय सिंह
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