यूपी : बहराइच में कागज़ी खानापूर्ति में सिमट कर रह गया ग्रामीण स्वच्छता अभियान 

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यूपी : बहराइच में कागज़ी खानापूर्ति में सिमट कर रह गया ग्रामीण स्वच्छता अभियान गाँव में गंदगी का अंबार 

(रोहित श्रीवास्तव)

स्वयं प्रोजेक्ट

बहराइच। ग्रामीण स्वच्छ अभियान को आज 12 हफ्ते बीतने के बाद भी सफाई कर्मियों की लापरवाही और उनकी अनुपस्थितियों का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

जिलाधिकारी बहराइच के निर्देशानुसार दो माह पूर्व से चल रहे इस अभियान में सभी ब्लाकों की सफाई का ज़िम्मा दस-दस सफाई कर्मियों की सात टीमो को सौंपा गया था। इसके तहत हर शनिवार को सात ग्राम पंचायतों में सफाई अभियान के तहत सफाई टीम द्वारा सफाई करते हुए गाँव को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जाना था।

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पहला चरण समाप्त होते ही खण्ड विकास अधिकारी नवाबंगज सुशील कुमार श्रीवास्तव ने आंकड़े जारी करते हुए बताया 70 ग्राम पंचायत के इस विकास खण्ड में अभियान के प्रथम चरण 29 जुलाई शनिवार को ही पूरा हो चुका है। पांच अगस्त शनिवार से दूसरा चरण प्रारम्भ हो गया था। यह सफाई अभियान अनवरत चलता रहेगा, पर आंकड़ों से ऊपर अगर वास्तविकता को देखा जाए तो एक अलग ही कहानी सामने आती है।

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ग्रामीणों की मानें तो यह स्वच्छता अभियान मात्र कागजी खानापूर्ति बनकर सिमट गया है साथ ही सफाई कर्मियों की अनियमितता से सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। गाँव के बुजुर्ग जिन्होनें अपना नाम मुखिया (62) बताया, ने इस समस्या पर कहा कि गांव कि इस गाँव की सफाई असंभव है, सफाई कर्मियो के साथ साथ गांव के लोग भी सफाई पर ध्यान नहीं देते। बारिश में बजबजाती नालिया, कूड़े का ढेर, संक्रमित जन्तुओं की पैदावारी कर रही है जिससे पूरे गांव को संक्रामक रोग की चपेट में आने की संभावना बढती जा रही है।

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