तीर्थ पुरोहितों को भी जारी होगा परिचय पत्र 

Op singh parihaarOp singh parihaar   15 Nov 2017 2:00 PM GMT

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तीर्थ पुरोहितों को भी जारी होगा परिचय पत्र प्रतीकात्मक तस्वीर।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। धर्म के नाम पर चल रहे फर्ज़ीवाड़ा को रोकने के लिए धार्मिंक संगठनों की ओर से परिचय पत्र जारी किया जा रहा है। अर्धकुम्भ और माघ मेला के पूर्व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अपने सभी अखाड़ों को यह निर्देश दिया था कि अखाड़े में पंजीकृत सभी साधु-संतों को परिचय पत्र जारी करें, जिससे कि फ़र्ज़ी बाबाओं पर लगाम लगाया जा सके। इसके बाद अब अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से सभी तीर्थ पुरोहितों को कार्ड बनाने की बात की जा रही है।

ऐसा तीर्थ पुरोहितों के नाम पर ठगी करने वालों पर रोक लगाने के लिए किया जा रहा है। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अधिवेशन में तय किया गया कि महासभा की ओर से सभी पंजीकृत तीर्थ पुरोहितों को आई कार्ड दिया जाएगा। संगम के किनारे अपने पूर्वजों को पिंडदान कराने आने वाले लोगों को पूजा-पाठ कराने का काम तीर्थ पुरोहित ही करते हैं। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक का कहना है, “तीर्थ पुरोहित आपसी सहमति की वजह से अलग-थलग हो गए हैं, जिसका लाभ लेने का प्रयास सभी कर रहे हैं।”

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तीर्थ पुरोहित के नाम पर फर्जी रूप से काम करते हुए कुछ लोग श्रद्धालुओं को ठगने का काम कर रहे हैं। जिस पर रोक लगाने के लिए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से परिचय पत्र बनाने का फैसला किया गया।
महेश पाठक,राष्ट्रीयध्यक्ष, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजूद रहे। तीर्थ पुरोहितों ने मंत्री से कुम्भ के दौरान गंगा पुत्र को सबसे आगे जमीन देने की मांग की। इस पर मंत्री नन्दी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित धार्मिक स्थलों के राजा होते हैं। इसलिए इनकी सभी जायज मांगों को पूरा करना केंद्र और प्रदेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “देखा जाए तो सनातन धर्म के सच्चे प्रहरी तीर्थ पुरोहित ही है जो कि गंगा-यमुना सहित अन्य नदियों की स्वच्छता के लिए प्रयासरत हैं।”

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