जातीय हिंसा की आग से झुलस रहा सहारनपुर

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जातीय हिंसा की आग से झुलस रहा सहारनपुरसहारनपुर में हिंसा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में लोकल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के बावजूद भी कई दिनों से शहर साम्प्रदायिक व जातीय उपद्रवों से जल रहा है, जिसे रोक पाने में प्रशासन के अधिकारी नाकाम रहे हैं।

प्रशासन की इस लापरवाही के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में उपद्रवी तत्व सक्रिय हो गए हैं और जगह-जगह घटना को अंजाम देकर फरार हो गये। इन पर नकेल कसने के लिए राजधानी में बैठे अधिकारियों ने मंगलवार रात कई लापरवाह पीपीएस अफसरों पर कार्रवाई करते हुऐ उनका तबादला कर दिया है।

इसकी जानकारी डीजीपी पीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने ट्वीट कर जानकारी दी है। जबकि बीते मंगलवार को हुये उपद्रव से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह सचिव, डीजीपी समेत कई आलाधिकारियों को तलब किया और पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने आधिकारियों से नारजगी जताते हुए जल्द ही हिंसा पर काबू पाने के निर्देश दिए है।

सहरानपुर में मंगलवार को फिर एक बार दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई, गोली चली, बसों को आग लगाया गया। मौके पर हालात को नियंत्रित करने में जुटी सहारनपुर पुलिस समेत अन्य जनपदों से आई पुलिस फोर्स को भी उपद्रवियों नहीं बख्शा। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने दो बाइकों और पुलिस के 3 वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की। आलाम यह था कि मौके पर पहुंचे सीओ सिटी को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। फिलहाल एसएसपी समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और स्थिति को नियंत्रित करने में जुटें हैं। उधर पश्चिम उत्तर प्रदेश हिंसा की आग में झुलस रहा था, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ में ही मौजूद थे।

जुलूस को लेकर भड़की हिंसा

शुक्रवार को सहारनपुर के बड़गाँव में महाराणा प्रताप की जयंती के जुलूस को लेकर बवाल हो गया था। इस हिंसा के दौरान हुए पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी और आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वाले की शिनाख्त सुमित पुत्र ब्रह्मसिंह के रूप में हुई थी। इसी घटना को लेकर एक समुदाय ने मंगलवार को महापंचायत बुलाई थी, जिसे प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। इसके बाद भीम आर्मी और दलित संगठनों ने थाना सदर बाजार के मल्हीपुर रोड और चिलकाना के हलालपुर में जाम लगा दिया और जमकर उत्पात मचाया। जाम हटाने पहुंची पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया। इस पत्थरबाजी में सीओ सिटी घायल हो गये।

इन अधिकारियों पर गिरी गाज

घटना के बाद एसपी सिटी सहानपुर संजय सिंह को हटा दिया गया है। वहीं एसपी ग्रामीण रफीक अहमद को डीजीपी कार्यालय अटैच कर दिया गया। जबकि प्रबल प्रताप सिंह को एएसपी सिटी बनाया गया है। विद्या सागर मिश्र को आगरा से एसपी ग्रामीण बनाया गया है।

कहा से उठी आग की लपटे

बड़गाँव के सबीरपुर गाँव में महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली जा रही थी कि तभी दलितों ने पथराव कर दिया। इससे तनाव बढ़ गया और दूसरे पक्ष के लोगों ने दलितों के घरों में आग लगा दी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि फायरिंग भी शुरू हो गई।

सोशल मीडिया से भड़काई जा रही हिंसा

सहारनपुर हिंसा मामले में पुलिस ने अपनी जांच में पाए है कि एक पक्ष के कुछ उपद्रवी लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ पोस्ट कर माहौल बिगाड़ने का काम रहे हैं। भीम आर्मी ने शब्बीरपुर प्रकरण के बाद वॉट्सऐप ग्रुप से युवाओं को संदेश देकर पंचायत में आने के लिए जमा किया। सोशल साइट पर पूरी रणनीति एक-दूसरे के साथ शेयर की गई थी। योजना के तहत मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रावास पर जमा हुए, जैसे ही पुलिस ने वहां सख्ती की तो भीड़ गांधी मैदान पहुंच गई। यहां पर भी पुलिस ने भीड़ को दौड़ा लिया। कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद योजना के तहत यहीं से महानगर में घुसने वाले सभी मुख्य मार्गों को कब्जे में लेने का मेसेज हुआ।

तेज तर्रार आईपीएस हिंसा रोक पाने में नाकाम

बीते दिनों सहारनपुर के तत्कालीन एसएसपी लव कुमार का तबादल कर उनके स्थान पर गाजीपुर जनपद में तैनात तेज तर्रार आईपीएस ऑफिसर सुभाष चंद्र दुबे को शासन ने वहां भेजा था, लेकिन एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे भी जिले में मौजूद अराजकतत्वों पर लगाम लगा पाने में नाकाम नजर आ रहे हैं। जबकि सुभाष चंद्र दुबे को विधानसभा के चुनाव के दौरान गाजीपुर जिले जैसे संवेदनशील जनपद में सकुशल चुनाव संपन्न कराने के मकसद से भेजा था, जिसमें वह कामयाब भी रहें थे, लेकिन सहारनपुर जनपद में बढ़ते उपद्रव को वह रोक पाने में नाकाम दिख रहे हैं।

कुछ दिन पहले भी हुई थी साम्प्रदायिक हिंसा

सहारनपुर जिले में कुछ दिनों पहले भी एक शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्षों में हुई झड़प के बाद 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इस मामले में बीजेपी सांसद राघव लखनपाल का नाम भी सामने आया है। अंबेडकर जयंती समारोह के उपलक्ष्य में यह शोभायात्रा आयोजित की गई थी और यह बिना प्रशासन की अनुमति के बलपूर्वक निकालने का आरोप था। इस इलाके में हिंसा फैलने की आशंका के चलते ऐसी शोभायात्राओं पर सालों से पाबंदी है। जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की और यात्रा छोटी कर दी। शोभायात्रा की दूरी छोटी किए जाने से नाराज भीड़ जिले के एसएसपी लव कुमार के आवास पर पहुंच गई। वहां सीसीटीवी कैमरा और कुछ कुर्सियों को तोड़ दिया गया। एसएसपी की नेम प्लेट भी उखाड़ दी गई।

सहारनपुर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका

सहारनपुर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका पहले से माना जाता है। जिसे देखते हुये वहां अक्सर किसी भी जुलूस व रैली को लेकर प्रशासन मुस्तैद रहता है, लेकिन बीते कुछ दिनों से बढ़ती हिंसा ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान खड़ा कर दिया है।

     

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