पूर्वांचल के 9 जिलों के लाखों किसानों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। करीब 44 वर्षों के इंतजार के बाद सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पूरी हुई औऱ 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया।
परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों की सिंचाई के लिये पानी मिलेगा, जिससे पूर्वी उत्तरप्रदेश के 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा।
इससे पूर्वी उत्तरप्रदेश के नौ जिलों – बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज को लाभ मिलेगा। क्षेत्र के किसान, जो परियोजना में अत्यधिक देरी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान में थे, अब उन्नत सिंचाई क्षमता से उन्हें बहुत फायदा पहुंचेगा। अब वे बड़े पैमाने पर फसल की पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि क्षमता को बढ़ाने में समर्थ होंगे।
इस परियोजना के शुरू होने से करीब 14.04 लाख हेक्टेयर रकबे की सिंचाई के साथ ही बाढ़ की समस्या का भी स्थाई समाधान निकलेगा। इसमें घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन नदी पर गिरिजा, सरयू, राप्ती, और वाणगंगा के नाम से बैराज बनाकर इससे मुख्य और सहायक नहरें निकाली गईं हैं।
44 साल पहले साल 1978 में शुरू हुई थी परियोजना
साल 1978 में बहराइच और गोंडा जिले में किसानों को सिंचाई का फायदा पहुंचाने के लिए घाघरा कैनाल (लेफ्ट बैंक) के नाम से यह परियोजना शुरू हुई।
साल 1982 में परियोजना के विस्तार के साथ ही बदल गया नाम
1982-83 में इसका विस्तार पूर्वांचल के ट्रांस घाघरा-राप्ती-रोहिणी क्षेत्र में करते हुए नौ और जिलों को भी इसमें शामिल किया गया। तभी भारत सरकार ने इसका नाम बदलकर सरयू परियोजना रख दिया। तय हुआ कि इसमें घाघरा के साथ राप्ती, रोहिन को भी नहर प्रणाली से जोड़ा जाएगा।
परियोजना की महत्ता और उपयोगिता के मद्देनजर केंद्र ने 2012 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया। इसके तहत पूर्वांचल के नौ जिलों में 14.04 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचन क्षमता का विस्तार कर वहां के लाखों किसानों को लाभान्वित किया जाना है। इससे सरयू मुख्य नहर, राप्ती मुख्य नहर और गोला पंप कैनाल, डुमरियागंज पंप कैनाल अयोध्या पंप कैनाल व उतरौला पंप कैनाल के कुल 6590 किमी लंबाई में नहर प्रणाली का विस्तार किया गया है।
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना सिंचाई विभाग के साथ-साथ भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नदी घाटी जोड़ो परियोजना से भी जुड़ती है। इसके जरिए घाघरा, सरयू, राप्ती, बाण गंगा और रोहिन नदी को भी जोड़ना है। इससे इन जिलों में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या भी काफी हद तक स्थाई हल हो जाएगी।
2017 में आई योगी सरकार ने सरयू नहर परियोजना को पूर्ण किए जाने के संकल्प के साथ परियोजना पर पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया। नहरों के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने के लिए उच्च स्तर से निर्गत आदेशों के क्रम में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान चलाकर भूमि क्रय की गई। इसके साथ ही नहरों को पूर्ण करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। परियोजना की नहरों के अवशेष गैप्स को पूरा करने के साथ-साथ राप्ती मुख्य नहर व कैंपियरगंज शाखा एवं इसकी वितरण प्रणालियों के कार्य तेजी से जारी हैं।
9800 करोड़ से अधिक है परियोजना की लागत
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की कुल लागत 9800 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 4600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया।
जानिए सरयू नहर परियोजना की प्रणाली
बहराइच में घाघरा नदी पर निर्मित गिरजापुरी बैराज के बाएं से बैंक से 360 क्यूसेक क्षमता की सरयू योजक नहर (17.035 किमी) निकाली गई है। इससे सरयू नदी पर निर्मित सरयू बैराज के अपस्ट्रीम दाएं किनारे में पानी लाया जाएगा। सरयू बैराज के बाएं बैक से 360 क्यूसेक क्षमता की 63.15 किमी की सरयू नहर निकाली गई है। सरयू मुख्य नहर के किमी 21.4 दाएं बैक से इमामगंज शाखा प्रणाली निकाली गयी है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 11 दिसंबर, 2021 को बलरामपुर में #सरयू_नहर_राष्ट्रीय_परियोजना करेंगे लोकार्पित
परियोजना के माध्यम से 09 जनपदों- बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, गोरखपुर एवं महराजगंज के 29 लाख कृषक होंगे लाभान्वित pic.twitter.com/dvX9upHXVk
— सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ.प्र. (@UPIrrigationDep) December 10, 2021
सरयू मुख्य नहर के किमी 34.70 के बाएं किनारे से राप्ती योजक नहर 21.4 किमी लम्बाई में निर्मित कराई गई है। यह राप्ती नदी पर निर्मित राप्ती बैराज के अपस्ट्रीम में राप्ती नदी को पानी उपलब्ध कराएगी। इसका उपयोग 125.682 किमी लम्बी राप्ती मुख्य नहर के लिए किया जाएगा। सरयू मुख्य नहर के किमी 63.150 से दो शाखा प्रणाली बस्ती व गोंडा निकाली गई है। बस्ती शाखा से 4.20 लाख हेक्टेयर और गोंडा शाखा से 3.96 लाख हेक्टेयर सिंचाई होगी।
राप्ती के मुख्य नहर के टेल से कैम्पियरगंज शाखा राप्ती मुख्य नहर प्रणाली से 3.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान किया जाना भी प्रस्तावित है। इसी क्रम में श्रावस्ती में लक्ष्मनपुर कोठी के निकट निर्मित राप्ती बैराज के बाएं तट से राप्ती मुख्य नहर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसकी कुल लंबाई 125.682 किमी है। उक्त नहर के दोनों किनारों पर आठ 8-8 मीटर चौड़ा सेवा मार्ग बनेगा। यह श्रावस्ती बलरामपुर सिद्धार्थनगर को जाएगी। बाद में इसे बॉर्डर रोड के रूप में विकसित किया जा सकेगा।