जल्द ही आपकी ग्राम पंचायत में लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए मास्टर ट्रेनर आएँगी।
प्रदेश सरकार मिशन शक्ति के अगले चरण में लड़कियों को आत्मरक्षा में दक्ष बनाने का प्रयास करेगी, ताकि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। इसके लिए कई विभागों को निर्देश दिए गए हैं।
इसके तहत न सिर्फ लड़कियों को आत्मरक्षा में दक्ष बनाया जाएगा बल्कि उन्हें विभिन्न महिला कानूनों से भी परिचित कराया जाएगा, जिससे वो समय पड़ने पर अपने अधिकारों का लाभ ले सकें।
उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्रि के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की शुरुआत हो रही है।
मिशन शक्ति अभियान के लिए ग्राम्य विकास विभाग के 36816 ग्राम पंचायतों में 18-40 वर्ष आयु वर्ग की बीसी सखियों और 18-40 वर्ष आयु वर्ग की समूह सखियों, कृषि आजीविका सखियों, स्वास्थ्य सखी, विद्युत सखी और स्वयं सहायता समूह को स्थानीय महिला पुलिस के माध्यम से आत्मरक्षा प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर के रूप में दक्ष किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न माध्यमों से बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी।
दुर्गा शक्ति मेगा सेफ्टी वर्कशॉप
इसी तरह महिला और बाल विकास विभाग के तहत दुर्गा शक्ति मेगा सेफ्टी वर्कशॉप के अंतर्गत बालिका गृहों में आवासित बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कराई जाएँगी।
शक्ति कार्यशालाओं में सभी जनपदों में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गठित स्थानीय और आंतरिक परिवाद समितियों का प्रशिक्षण और अभिमुखीकरण भी किया जाएगा।
स्कूली छात्राओं को भी मिलेगा प्रशिक्षण
युवा कल्याण विभाग निर्भया योजना के तहत महिला मंगल दलों को आत्मरक्षा, स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए 7 दिन का आवासीय प्रशिक्षण देगा। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग भी छात्राओं को आपातकाल में आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट, जूडो का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करेगा। इसके साथ ही पुलिस विभाग के सहयोग से प्रत्येक जनपद में महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम पर जागरूकता अभियान का भी संचालन किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में प्रोजेक्ट वीरांगना के अंतर्गत गृह विभाग के सहयोग से 11 हज़ार पीटीआई शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालयों की 40 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।