शाहजहां की कब्र पर चढाई गई एक हजार मीटर लम्बी चादर

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शाहजहां की कब्र पर चढाई गई एक हजार मीटर लम्बी चादरफाइल फोटो।

आगरा (भाषा)। मुगल बादशाह शाहजहां के 362वें उर्स के तीसरे और अंतिम दिन ताजमहल पर मंगलवार को खुद्दाम-ए-रौजा कमेटी की ओर से एक हजार मीटर लम्बी चादर चढ़ाई गयी।

इसके साथ ही बादशाह शाहजहां की कब्र पर अन्य छोटी-बडी चादरों और हाथ के पंखों को चढ़ाने का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान उर्स के आखिरी दिन बडी संख्या में जायरीन और पर्यटकों का आवागमन रहा उन्होंने असल कब्रों का दीदार किया।

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खुद्दाम-ए-रौजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर के नेतृत्व में मंगलवार को तीन बजे चादर चढाने का सिलसिला प्रारम्भ हुआ। समूची चादर एक बडी घिरी में लिपटी हुई थी। लगभग तीन बजे उक्त घिर्री में लिपटी चादर को खोला गया और उसका सिरा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर अपने अन्य सहयोगियों के साथ लेकर ताजमहल की ओर चल दिये। इसी के साथ ही जैसे जैसे चादर खुलती गयी वैसे-वैसे उसे उठाने के लिए लोग उसमें अपना हाथ लगाते गये।

इस दौरान चादर गुजरने के समय निकलने वाले पर्यटकों ने चादर को हाथ लगाकर अपनी हाजिरी दर्शायी। कुछ देर बाद ही चादर का अंतिम सिरा ताजमहल में तहखाने में बनी कब्रों तक पहुंच गया। इसी के साथ शाहजहां की कब्र पर पूरी चादर चढ़ा दी गयी।

चादर चढ़ाने के बाद कमेटी के अध्यक्ष ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि इस चादर की विशेषता यह है कि इसमें सभी धर्म के लोगों की भागीदारी है और यह हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सतरंगी चादर है। जिसे बादशाह शाहजहां की कब्र पर चढाया गया है। इस सतरंगी चादर के जरिये वे प्रेम और शांति का संदेश पूरी दुनियां को देना चाहते हैं।

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