लंबे समय से मशीन खराब होने के कारण बंद पड़ी रेशम विभाग की रेशम फैक्ट्री 

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लंबे समय से मशीन खराब होने के कारण बंद पड़ी रेशम विभाग की रेशम फैक्ट्री मशीनें खराब होने के कारण बंद पड़ी है रेशम फैक्ट्री।

प्रियांशु तोमर (स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट)

जनपद में काफी समय पहले रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रेशम विभाग ने टनकपुर रोड पर एक रेशम फैक्ट्री शुरु की थी, जिससे जिले के लगभग 600 किसान रेशम विभाग की मदद से इस फैक्ट्री से जुड़े थे। लेकिन कुछ समय बाद ही इस फैक्ट्री में मंगाई गई मशीनें खराब हो गईं। कई सालों से बंद पड़ी इस रेशम फैक्ट्री को चलाने के लिए करीब एक साल पहले नई मशीन खरीदने की स्वीकृति शासन से मिल गई थी। इससे अब पीलीभीत में एक बार फिर रेशम धागा उत्पादन होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन साल भर हो चुका है इसके बाद भी अभी तक नई मशीन नहीं मिली है। जिससे इस फैक्ट्री में रेशम का उत्पादन नहीं हो पा रहा है।

इस रेशम फैक्ट्री के दोबारा शुरू होने से पीलीभीत सहित आसपास के आठ जनपदों में इसके उत्पादित कोया से रेशम धागा बनाया जाएगा। रेशम फैक्ट्री शुरू होने पर पीलीभीत सहित आठ जनपदों क्रमशः शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर अमरोहा और संभल के रेशम कीट पालक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इन जिलों में उत्पादित होने वाले कोये से पीलीभीत जिला मुख्यालय पर स्थित इसी रेशम फैक्ट्री में ही रेशम धागा बनाया जाएगा।

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जिले में रेशम फैक्ट्री से जुड़े हैं 600 किसान

किसान रेशम विभाग की मदद से जिले में लगभग 600 किसान इस रेशम फैक्ट्री से जुड़े हैं। इन किसानों के 250 कलस्टर बनाए गए हैं। यह सभी किसान रेशम कोये का उत्पादन कर रेशम विभाग के माध्यम से गोंडा, बहराइच एवं अन्य जनपदों से आने वाले व्यापारियों के हाथों अपना कोया बेचते हैं। पीलीभीत स्थित इस रेशम फैक्ट्री के शुरू होने से इन सभी किसानों का कोया भी इसी फैक्ट्री में बिक जाएगा।

पिछले एक साल पहले ही इस फैक्ट्री को दोबारा चालू कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन यह सरकारी प्रक्रिया कछुआ गति से चल रही है। करीब आठ महीने पहले कबाड़ बन चुकी रेशम मशीन नीलाम होने के बाद यहां से हटा दी गई। लेकिन अब तक नई रेशम मशीन की खरीद नहीं हो पाई है। हालांकि शासन ने इसके लिए 22 लाख रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। जिस पर टेंडर प्रक्रिया अभी जारी है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले तीन-चार महीनों में रेशम फैक्ट्री दोबारा चालू हो पाएगी। जिससे इस फैक्ट्री में दोबारा रेशम उत्पादन शुरु हो सकेगा।

इस बारे में जब जिला रेशम अधिकारी एमके गौतम से फैक्ट्री को दोबारा शुरू कराने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "कई सालों से बंद पड़ी इस रेशम फैक्ट्री को दोबारा चालू करने के लिए मशीन खरीदने को शासन से स्वीकृति मिल गई है। रेशम निदेशालय ने इसका टेंडर भी जारी कर दिया है। जल्द ही नई मशीन स्थापित कर इस फैक्ट्री में दोबारा रेशम धागे का उत्पादन शुरू कराया जाएगा। जिससे उम्मीद है कि जल्दी ही जनपद के रेशम पालकों को दोबारा इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।"

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