एडवोकेट जनरल की सुरक्षा में तैनात सिपाही का मिला शव

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एडवोकेट जनरल की सुरक्षा में तैनात सिपाही का मिला शवशव की शिनाख्त करते पुलिस अधिकारी।

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर सीओ कार्यालय के पीछे गोमती रिवर फ्रंट में एक सिपाही का शव गोमती नदी किनारे उतराता मिला। शव की सूचना नदी के पास काम करने वाले मजदूरों ने पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मौके पर एडीजी जोन अभय प्रसाद, एसएसपी दीपक कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकलवाया गया। पुलिस के मुताबिक, सिपाही यूपी के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह की सुरक्षा में तैनात था।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि मृत आरक्षी मनोज शुक्ला (40) वर्तमान समय में पुलिस लाइन में थे और एक जुलाई से इनकी ड्यूटी एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह की सुरक्षा में तैनात किया गया था। वह 1997 बैच के सिपाही थे। लेकिन सिपाही सरकारी असलहा सहित ड्यूटी पर न जाकर लापता था। दो तारीख को भी वह ड्यूटी पर नहीं गए थे। उनके घरवालों ने यह सूचना पुलिस लाइन में दी। जिसके बाद मनोज के मुंशीपुलिया स्थित इंदिरा नगर सेक्टर-16 जाकर उसके घर से सरकारी असलहा लाकर पुलिस लाइन में जमा कर दिया। साथ ड्यूटी से गायब मनोज के खिलाफ आरआई ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक रपट लिख विभागीय कार्रवाई के लिए एसएसपी को पत्र लिख दिया था। लेकिन इस बीच तीन जुलाई को गोमती रिवर फ्रंट के पास सिपाही मनोज का शव उतराता मिला।

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एसएसपी ने बताया कि, उनके घरवालों ने सिपाही का शस्त्र भी पुलिस को सौंप दिया है। वह ड्यूटी में नहीं गए यह सब रजिस्टर में अंकित है। मामले की गहनता से पड़ताल की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि यह भी हो सकता है कि सिपाही ने किसी कारण गोमती में कूदकर जान दी हो। हो सकता है मनोज गोमती किनारे घुमने आया हो और उसके साथ कोई हादसा हो गया हो। हालांकि यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पायेगा।

रायफल की सूचना घरवालों ने दी

सिपाही मनोज के भाई विनीत शुक्ला ने बताया कि, वह एक तारीख को घर आये थे और रायफल रखकर चले गए थे। घरवालों को लगा शायद ड्यूटी पर ही किसीं काम से गये होंगे। एसएसपी दीपक ने बताया कि मृतक लखनऊ के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र की सुरक्षा में तैनात था। एक तारीख को उसकी बदली हुई थी, जिसके बाद उन्हें आमद करानी थी, लेकिन उन्होंने पुलिस लाइन में आमद नही कराई थी।

वर्दी पर लगे नेम प्लेट से हुई शिनाख्त

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि, शव पूरी तरह से फूल चुका था। आंखे बाहर निकल आयी थी और शरीर की खाल उतर चुकी थी। वर्दी की कमीज के सामने के बटन टूटे हुए थे जो इशारा कर रहे थे कि मृतक ने संघर्ष किया था। वही पुलिस ने जहां मना किया है वही प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शरीर पर बाएं हाथ मे चोट के निशान थे। नेम प्लेट में मृतक का पीएनओ नंबर लिखा हुआ था, जिसके आधार पर उसकी शिनाख्त हो पाई। इसके अलावा मृतक की जेब से कुछ कैश, उनकी टोपी और एक तम्बाकू की पन्नी मिली है।

आखिर गोमती किनारे क्यों गया सिपाही

पुलिस घटना के पीछे कई कयास लगा रही है। मृतक शराब वगैरह नही पीता था यह स्पष्ट हुआ है, लेकिन पुलिस उस एंगल को भी तलाश रही है कि आखिर मनोज गोमती किनारे अकेले करने क्या गया था। एसएसपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की कार्यवाई की बात कही है।

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