तस्वीरों में देखिए, तपती-जलती गर्मी में क्या है लखनऊ का हाल...

Anusha MishraAnusha Mishra   23 May 2017 1:41 PM GMT

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तस्वीरों में देखिए, तपती-जलती गर्मी में क्या है लखनऊ का हाल...परम्परागत तरीके से ठंडे पानी का इंतजाम करने के लिए मिट्टी से बने घड़े की मांग रहती है।

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में इस समय चिलचिलाती गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। कोई इस गर्मी से बचने के लिए छाता लेकर घर से निकल रहा है तो कोई सिर से लेकर पैर तक खुद को ढक कर ही घर से बाहर क़दम रख रहा है। गर्मी से लड़ने के अस्त्र यानि बर्फ, मिट्टी के मटके, कूलर आदि की दुकानें आजकल गुलज़ार हैं, तो राहगीरों की प्यार बुझाने के लिए जगह-जगह प्याऊ भी लगवाए गए हैं। इन तस्वीरों में आप भी देखिए इस तपती-जलती गर्मी में क्या है लखनऊ का हाल...

गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण से बचाव

गर्मी की तपन से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सिर से लेकर पांव तक खुद को ढकना। और ये बात लड़कियों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। अपने चेहरे को दुपट्टे से ढककर जातीं मेडिकल की छात्राएं ।

गर्मी में बड़ी राहत दिलाता है छाता

वैसे तो इस मौसम में घर से निकलने का मन किसी का नहीं करता लेकिन मज़बूरी है तो निकलना ही पड़ेगा। बस इससे कुछ हद तक बचने का तरीका आपके पास होना चाहिए। इस चिलचिलाती गर्मी में धूप से बचने के लिए छाता लगाकर जाती एक महिला।

यहां मिलेगी बर्फ की ठंडक

गर्मियों के मौसम में बर्फ देखते ही कुछ सुकून सा मिलता है। इसे खाने और चेहरे पर लगाने का मज़ा ही कुछ और है। इस मौसम में बर्फ की मांग काफी बढ़ जाती है इसलिए जगह जगह इसकी दुकानें भी सज जाती हैँ। लखनऊ के एक फुटपाथ पर सजी बर्फ की दुकान।

गर्मी क्या सिर्फ इंसानों को लगती है, नहीं न। अब बंदर है तो क्या हुआ, गर्मी से बचना तो उसे भी है। देखिए कैसे पंखे के सामने पैर फैलाकर आराम फरमा रहा है ये लंगूर।

नींद सर्दी गर्मी नहीं देखती भाई

भई, ये नींद है, जब शरीर थकता है तो सर्दी हो गर्मी इसे तो आना ही। तेज़ धूप में कड़ी मेहनत के बाद नींद की झपकी लेता एक रिक्शा चालक। इन्हें तो जहां छांव दिखी वहीं डाल लिया इन्होंने डेरा।

कूलर तो लेना ही पड़ेगा

तेज़ गर्मी में कूलर से निकलती ठंडी हवा पानी की छीटों के साथ जो मज़ा देती है वो एसी में भी नहीं। ऐसे में कूलर की मांग तो बढ़नी ही है। एक कारखाने पर कूलर बनाता कारीगर।

किसी की प्यास बुझाना अच्छी बात है

कहते हैं कि प्यासे को पानी पिलाने से बेहतर कोई पुण्य नहीं हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ समाज सेवियों ने अपने घरों के बाहर प्याऊ का इंतजाम करा दिया है।

सभी फोटो - प्रमोद अधिकारी

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