डिलीवरी के 3 घंटे बाद स्टॉफ नर्स ने महिला और बच्ची को अस्पताल से निकाला, 800 रुपए भी वसूले

Virendra ShuklaVirendra Shukla   8 April 2017 9:21 PM GMT

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डिलीवरी के 3 घंटे बाद स्टॉफ नर्स ने महिला और बच्ची को अस्पताल से निकाला, 800 रुपए भी वसूलेप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलहरा, बाराबंकी के बाहर जच्चा और बच्चा।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बेलहरा (बाराबंकी)। पूरे देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि ये अति महत्वाकांक्षी योजना रही है, कि जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। पिछले दिनों मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी डॉक्टरों के जमीर को जगाया था, लेकिन जमीन पर उसका असर नज़र नहीं आ रहा है। बाराबंकी जिले में जन्म के 3 घंटे बाद ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जच्चा-बच्चा को छुट्टी तो दी ही गई, उनसे 800 रुपये भी वसूले गए।

बाराबंकी जिला मुख्यालय से करीब 48 किलोमीटर दूर सिंगहा गांव निवासी विजय पाल अपनी गर्भवती पत्नी को दर्द होने पर फतेहपुर ब्लॉक के बेलहरा कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र ले गए। जहां तैनात स्टॉफ नर्स ने कहा कि डिलिवरी का समय आ गया है। भर्ती के कुछ घंटे बाद ही शिवकली ने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन डिलीवरी के करीब तीन घंटे बाद ही स्टॉफ नर्स ने जच्च-बच्चा अस्पताल से बाहर निकाल दिया। साथ ही 1200 रुपये की मांग भी की।

डॉक्टर साहब (स्टाफ नर्स गीता देवी) न तो बच्चे की जांच की, न कोई कागज-पत्तर दिए। उल्टा 1200 रुपये हमसे मांगने लगीं, काफी हाथ पैर जोड़ने पर 800 रुपये दिए तब मानी। हमने तो सुना था बेटी होने पर सरकार उल्टे मदद करती है।
विजयपाल, पीड़ित महिला का पति, बाराबंकी

दिहाड़ी मजदूरी करने वाले शिवकली के पति विजयपाल ने गांव कनेक्शन को बताया, “डॉक्टर साहब (स्टाफ नर्स गीता देवी) न तो बच्चे की जांच की ही कोई कागज-पत्तर दिए। उल्टा 1200 रुपये हमसे मांगने लगीं, काफी हाथ पैर जोड़ने पर 800 रुपये दिए तब मानी।”

शिवकली और अपनी बेटी को ठेलिया से लकर अपने गांव जाता विजयपाल। फोटो- वीरेंद्र शुक्ला

नियमवत सामान्य डिलीवरी होने पर जच्चा-बच्चा को 24 घंटे निगरानी में रखा जाना चाहिए। अगर दोनों स्वस्थ हैं तो डॉक्टर की सलाह पर पहले भी घर जा सकते हैं। लेकिन विजयपाल ने ऐसी कोई मांग नहीं की थी। विजयपाल बताते हैं, “सुना था बेटी होने पर सरकार कई सुविधाएं देती है लेकिन यहां तो हमसे ही पैसे मांग लिए, अब पता नहीं का नियम है।”

फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. आरसी वर्मा ने कहा, “गीता देवी के खिलाफ पहले भी पैसे मांगने की कई शिकायतें मिल चुकी हैं। पीड़ित लिखित में शिकायत दे तो कार्रवाई होगी।”

ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही लोगों को सेहतमंद रखने का जरिया हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों में लापरवाही और दुर्व्वहार की अक्सर शिकायतें आती रही हैं। ये ख़बरें इसलिए भी सोचने पर मजबूर करती हैं हैं, क्योंकि राष्ट्रीय परिवार एवं कल्याण सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेटियों का अऩुपात तेजी से गिरा है। प्रदेश में 10 साल पहले प्रति एक हजार लड़कों पर 922 लड़कियों का जन्म होता था वहीं अब यह आंकड़ा 903 पर सिमट गया है।

मामले की जांच करवाएंगे और आरोपी नर्स पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.डीआर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बाराबंकी, यूपी

नए साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने देश की महिलाओँ को बड़ा तोहफा देते हुए जच्चा-बच्चा की सेहत के 6,000 रुपये देने का ऐलान किया था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालत बड़ी गंभीर है। बेलहरा के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की स्टॉफ नर्स पर पहले भी कई बार मरीजों से पैसे वसूलने के आरोप लगे हैं। मामला तहसील दिवस तक में उठा है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे में बात करने पर फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. आरसी वर्मा ने कहा, “गीता देवी के खिलाफ पहले भी पैसे मांगने की कई शिकायतें मिल चुकी हैं। पीड़ित लिखित में शिकायत दे तो कार्रवाई होगी।” वहीं गांव कनेक्शन से बात करते हुए बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीआर सिंह कहा, “मामले की जांच कराकर आरोपी नर्स पर कार्रवाई करेंगे।”

              

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