बीकेटी की एसडीएम ने नीलांश बिल्डर्स के खिलाफ दोबारा जांच के दिए निर्देश

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बीकेटी की एसडीएम ने नीलांश बिल्डर्स के खिलाफ दोबारा जांच के दिए निर्देशबिल्डर्स पर कानून को दरकिनार कर प्रोजेक्ट शुुुरु करने का है आरोप।

इटौंजा (लखनऊ)। पूरे प्रदेश में भू-माफियाओं और बिल्डरों द्वारा किए गए कब्जों पर योगी सरकार ने एक तरफ जहां अपने तेवर तीखे कर लिए हैं, वहीं अब कई ठप पड़े मामले भी खुलने लगे हैं। मलिहाबाद तहसील के ग्राम पंचायत बदैया में सरकारी व किसानों की भूमि पर गैरकानूनी रुप से जमी़न पर प्रोजेक्ट शुरु करने वाले बिल्डर के खिलाफ दोबारा जांच दे आदेश दिए गए हैं। बीकेटी की उपजिलाधिकारी ज्योत्स्ना यादव ने निल्लांश बिल्डर्स प्रा लिमिटेड के खिलाफ मिली शिकयातं पर जांच के आदेश देते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि नीलांश वाटर पार्क प्रोजेक्ट द्वारा बिल्डर्स ने मलिहाबाद के बदैया, बीकेटी तहसील के अकड़रिया कला आदि क्षेत्रों में किसानों के व सरकारी किसान यूनियन की नेता बबली गौतम ने बिल्डर पर महिलाबाद के बदैया, बीकेटी के अकडरिया कला आदि गांवों में किसानों को जमीनों को अवैध तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया है। ग्राम पंचायत अकड़रिया कलां के किसान दयाशंकर, कृपाशंकर समेत आधा दर्जन किसानों ने भी नीलांश बिल्डर्स पर ग्राम की गाटा संख्या 1660 की जमीन समेत अन्य जमींन पर अवैध कब्जे का आरोप लगा चुके हैं।

बबली गौतम द्वारा शिकायत प्राप्त हुई है व ग्राम अकड़रिया कलां से भी शिकायत प्राप्त हुई है। अकड़रिया में चकबंदी चल रही है, इसलिए इसकी जांच सीईओ चकबन्दी को दी है। इस मामले में उपजिलाधिकारी मलिहाबाद नीलम यादव से भी बात हुई, मलिहाबाद व बीकेटी की टीम सयुक्त रूप से इस मामले की जांच 27 अप्रैल से करेगी। आरोप सही मिले तो विधिक कार्यवाही की जाएगी।
ज्योत्स्ना यादव, उपजिलाधिकारी बीकेटी

शिकायतकर्ताओं ने अपने लिखित पत्र में बताया है कि कंपनी द्वारा कब्जे के अलावा एनजीटी के नियमों का उल्लंघन, लैंड यूज़ में अनियमितता, अवैध खनन समेत वर्ष 2012-13 के दौरान उक्त भू-भाग पर लगे सैकड़ों हरे पेड़ों को बिना संबंधित विभाग के अनुमति के काटा गया है। इसके अलावा इन्होंने कंपनी पर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए भू-गर्भ जल दोहन व नियमों के विपरीत गोमती नदी के पुराने मुहाने को सैकड़ों ट्रक मिट्टी व बालू की बोरिया लगाकर बंद करने का आरोप लगाया। बताया गया कि इसके कारण ग्राम पंचायत अकड़रिया की सरकारी नहर का अस्तित्व संकट में आ गया है। नदी में पानी न होने के कारण सिंचाई बाधित हो रही है। आने वाले समय में हजारों किसान सिंचाई से वंचित हो जाएंगे।

ग्राम पंचायत अकड़रिया कला के किसान पुनीत शुक्ल ने बताया कि नीलांश ने अवैध रूप से किसानों की जमींन को कब्ज़ा कर रखा है मेरी जमींन पर पाइप डालकर कब्जा करने का प्रयास किया। यही नहीं विरोध करने पर नीलांश के गुर्गे किसानों को धमकाते है। इसकी जांच कर उचित कार्यवाही होनी चाहिए।

वहीं अकड़रिया कलां के 62 वर्षीय किसान कौशल किशोर द्विवेदी कहते हैं कि नीलांश के खिलाफ शिकायत हुई और कई समाचार पत्रों ने खबरें भी छापी, लेकिन जांच के लिए गठित की गई टीम को बिल्डर की ऊंची पहुंच के कारण इतने बड़े स्तर पर हुई अनियमितता ही नजर नहीं आयी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि योगी सरकार के सख्त आदेशों से किसानों को इंसाफ जरुर मिलेगा।

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