ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाएं: टेली रेडियोलोजी के माध्यम से रेडियोलाजिस्ट की कमी होगी पूरी

दिसम्बर महीने तक शुरू होंगे 100 मोबाइल मेडिकल यूनिट दूरदराज के इलाकों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेगी। प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलोजी के माध्यम से जल्द से जल्द से पूरा किया जायेगा।

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   29 Aug 2018 12:42 PM GMT

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ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सेवाएं: टेली रेडियोलोजी के माध्यम से रेडियोलाजिस्ट की कमी होगी पूरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तकनीकी का भी सहारा लिया जाएगा। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलोजी के माध्यम से जल्द से जल्द से पूरा कर लिया जाएगा।

सिद्धार्थ नाथ सिंह विकास भवन में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के कार्यालय कक्ष में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलॉजी के माध्यम से जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। उत्तर प्रदेश काफी बड़ा है इसलिए टेली रेडियोलॉजी को 3 क्लस्टर में बांटा गया है। नवम्बर महीने तक प्रदेश भर में टेली रेडियोलॉजी के 400 केंद्र खुल जाएंगे, जिसके माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के माध्यम से संयुक्त निदेशक सभी जनपदों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे। इस औचक निरीक्षण के दौरान संयुक्त निदेशक देखेंगे कि अस्पताल में डॉक्टर्स मरीजों को दवाइयां कहाँ से लिख रहे हैं। ऐसे में यदि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवाई लिखता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कारवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए डॉक्टर्स के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) भी जिम्मेदार होंगे।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के इलाकों तक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट का टेंडर हो चुका है, जिसमें से 100 मोबाइल मेडिकल यूनिट दिसम्बर महीने तक शुरू हो जाएँगी। उन्होंने बताया कि एक मोबाइल मेडिकल यूनिट में वाहन ड्राइवर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन की व्यवस्था की जाएगी। इन मोबाइल यूनिट के माध्यम से प्राथमिक उपचार, संक्रामक व गैर संक्रामक बीमारियों की स्क्रीनिंग, बेसिक लैब टेस्ट आदि सेवाएं दी जाएंगी। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट पीपीपी मोड पर चलाई जाएंगी। प्रदेश के प्रत्येक जनपद को एक शव वाहन उपलब्ध कराया जायेगा। अभी तक 40 शव वाहन दिए जा चुके हैं और 30 शेष शव वाहन जल्द ही उपलब्ध कराये जाएंगे।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ पद्माकर सिंह ने बताया, "बुधवार को समीक्षा हुई है कि प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को टेली रेडियोलोजी के माध्यम से जल्द से जल्द से पूरा कर लिया जाएगा। ये जल्द से जल्द प्रदेश में लागू किया जायेगा।"

    

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