रायबरेली में अनशन पर बैठे किसान नेता की मौत, सवालों के घेरे में प्रशासन

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अपनी मांगों को लेकर बैठे किसान नेता की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने इसे बीमारी से मौत बताया है। किसान नेता 10 जून से आमरण अनशन पर था।
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रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की एक तहसील में अपनी मांगों को लेकर बैठे किसान नेता की मौत हो गई। जिला प्रशासन ने इसे बीमारी से मौत बताया है। किसान नेता 10 जून से आमरण अनशन पर था।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 100 किलोमीटर दूर रायबरेली की डलमऊ तहसील है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बनापर गांव निवासी किसान और किसान नेता अमृत लाल सविता 4 जून से जमीन के एक मामले को लेकर डलमऊ कलेक्ट्रेट में धरने पर थे। लेकिन एसडीएम समेत दूसरे किसी अधिकारी ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया। जिसके बाद वो 10 जून से आमरण अनशन पर चले गए। रायबरेली में स्वराज अभियान की किसान विंग जय किसान आंदोलन से जुड़े पुष्कर पाल ने फोन पर बताया, किसान जमीन के मुद्दे समेत करीब सात मांगों को लेकर अनशन पर थे, रविवार रात उनकी मौत हो गई। 

सोलह साल मुकदमा लड़ने के बाद भी नहीं मिला एक बिसवा जमीन पर हक

पंजाब केसरी के मुताबिक किसान की मौत के बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कहा कि सविता की मृत्यु बीमारी के चलते हुई है। फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

सविता किसान कल्याण एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष थे। वो किसानों के मुद्दों को आवाज़ देते थे। रायबरेली कांग्रेस परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी यहां से सांसद हैं। राहुल गांधी का इसी माह रायबरेली दौरा भी प्रस्तावित है। ऐसे में ये मुद्दा तूल पकड़ सकता है। 

नोट- संबंधित पक्षों समेत पूरी ख़बर कल प्रकाशित की जाएगी।

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