पेट्रोल पंप वालों ने लखनऊ के लोगों को दोपहर तक किया परेशान, अघोषित हड़ताल ने छुड़ाया पसीना

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पेट्रोल पंप वालों ने लखनऊ के लोगों को दोपहर तक किया परेशान, अघोषित हड़ताल ने छुड़ाया पसीनालखनऊ के गोमती नगर स्थित एक पेट्रोल पंप के बाहर लगी वाहनों की कतार। फोटो- अरविंद शुक्ला

लखनऊ। शहर के करीब 152 पेट्रोल पम्पों में से लगभग 20 के खिलाफ घटतौली के साक्ष्य मिलने के बाद पम्प सीज कर की जा रही कार्रवाई से पेट्रोल पंप के संचालक व मालिकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इस कार्रवाई से दहशत में आए पेट्रोल पंप संचालकों ने एसोसिएशन के माध्यम से बीते सोमवार की देर रात कथित हड़ताल करने का फैसला किया, जिससे सरकार पर दबाव पड़े और इस चोरी व छापेमारी से बचा जा सके। यही नहीं अपनी घटतौली की कारस्तानी छुपाने के लिए कई पेट्रोल पम्प मालिकों ने मशीन खराब होने का बहाना कर पम्प ही बंद कर दिया। इसके चलते देर रात से लेकर सुबह भी शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंप मालिकों की मनमानी और अफवाह के चलते कई स्कूल की बसें बंद रही और विद्यार्थी स्कूल भी नहीं जा सके।

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वहीं इस मामले में एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक का कहना है, प्रदेश भर में यह छापेमारी जारी है और जल्द ही इस पूरे खेल में मास्टरमाइंड हाथ लग जायेगा। साथ ही चिप की जांच के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी, जिससे पता चल सकेगा की यह रिमोर्ट सेसिंग चिप से किसी तरह पेट्रोल पम्प पर लगे मशीनों से छेड़छाड़ किया जा सकता है।

मशीन आऊट ऑफ रिच का लगाया बोर्ड

मंगलवार को अचानक हुई पेट्रोल पम्प बंदी के चलते जनता में आक्रोश न फैले इसका भी ईलाज पम्प मालिकों ने खोज निकाला। पेट्रोल पम्प पर आऊट ऑफ रिच का बोर्ड लगा कर जनता की ऑखों में धुल झोंकने का प्रयास किया। पम्प मालिकों ने अपनी घटतौली चोरी छुपाने के लिए आम जनता का भी ख्याल नहीं रखा। वहीं हालात को देखते हुए पुलिस सभी बंद पेट्रोल पम्प पर तैनात थी।

बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

गोमतीनगर निवासी गगन मल्हौत्रा प्राइवेट जॉब करते हैं, उन्हें पेट्रोल पम्प बंदी की सूचना मंगलवार सुबह पड़ोसियों से मिली, जिसके बाद अपनी निजी बाइक से बच्चों को स्कूल छोड़ने वह नहीं गये। उनका कहना था कि पम्प बंदी की आशंका के चलते तेल की बचत की, क्योंकि हड़ताल लम्बी हो तो उनके घर के मुख्य काम हो सके। हालांकि पेट्रोल पम्प मालिकों के खिलाफ उनका गुस्सा देखते बन रहा था। इस हड़ताल को कलयुगी गुंडागर्दी का उन्होंने नाम दिया।

जांच के बाद बंद पड़ा एक पेट्रोल पम्प।

वहीं हजरतगजं के सरफराज पेट्रोल पम्प बंद होने के चलते ऑफिस पहुंचने में लेट हो गये, जिसका खामियाजा उन्हें आधी दिन की सैलरी कटने पर उठाना पड़ा। उन्होंने बताया कि कम से कम एक-दो दिनों पहले इन्हें बंदी की सूचना देनी चाहिए, लेकिन पेट्रोल पम्प मालिक चोरी भी करें और हड़ताल कर आम लोगों को परेशान भी। राज्य सरकार को इन पम्प मालिकों पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए।

जैसे-जैसे सूचना मिलेगी छापेमारी का दौर जारी रहेगा और रडार पर कई और पेट्रोल पम्प हैं, जिनकी मशीनें जल्द जांची जायेगी।
अमित पाठक, एसटीएफ एसएसपी

अलीगढ़ के अतरौली से हुआ घटतौली का खुलासा

एसएसपी अलीगढ़ राजेश पाण्डेय के मुताबिक, बीते 18 अप्रैल को राजेश कुमार निवासी छर्रा थाना ने दी की वह अपनी बाइक में अतरौली थाना क्षेत्र के शहीद राजवीर सिंह पेट्रोल पम्प पर टंकी फुल कराने गया था, लेकिन पम्प पर तैनात सेल्समैन के हाथों में एक रिमोट देखकर उसे आशंका हुई की पम्प पर कुछ धांधली चल रही है। इस बात की सूचना उसने लिखित तौर पर अतरौली थाना प्रभारी को दी।

पेट्रोल घटतौली की शिकायत मिलने पर पुलिस टीम ने संबंधित विभागों के साथ पम्प पर छापेमारी की तो पेट्रोल मशीन के अंदर एक चिप मिला। इसका संचालन पम्प मैनेजर खुद कर रहा था और ग्राहकों को चूना लगा लाखों रुपए कमा रहा था। इस घटना में अलीगढ़ के डीएम एवं एसएसपी ने मौके पर डीएसओ और सीओ अतरौली को भेजकर ई-रिमोट से संबंधित चिप डिवाइस को कब्जे में लेकर उक्त पेट्रोल पम्प को सीज कर विधिक कार्रवाई की थी। इस इनपुट के आधार पर ही राजधानी समेत प्रदेश के कई पेट्रोल पम्पों पर छापेमारी का दौर चल पड़ा, जिसमें राजधानी लखनऊ के पेट्रोल पम्प मालिक ग्राहकों को चूना लगा घटतौली में अव्वल नंबर पर आये है।

ऑटो वालों ने वसूला मनमाना किराया

मंगलवार को हुई पेट्रोल पम्प हड़ताल का फायदा उठाने में राजधानी के ऑटो चालक की पीछे नहीं रहे। ऑटों चालकों ने यात्रियों को सीएनजी बंदी का बहाना कर मन-मुताबिक किराया लिया। उनकी हरकत से परेशान कई ऑटों स्टैडों पर यात्रियों में तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली।

जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब

पेट्रोल पम्प पर हो रही घटतौली का शिकार आम जनता शायद काफी सालों से हो रही हो, लेकिन जिन अधिककारियों के पास इन बे-लगाम पेट्रोल पम्प मालिकों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी, वही तेल के पूरे खेल से अपनी आंखें मूंदे रहें थे। चाहे इस क्रंम में संबंधित ऑयल कंपनी के सेल्स अधिकारी हों या जिला प्रशासन के अधिकारी क्यों न हों। हालांकि अब तक बड़े अधिकारी उन पर जांच की बात कह कर टालने का प्रयास कर रहे हैं।

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