लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए बड़ी ख़बर है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंदोलनकारी शिक्षामित्रों को हिदायत दी है कि वो अब प्रदर्शन न करें वर्ना कार्रवाई होगी। योगी ने कहा कि वो कानून हाथ में न लें वर्ना सख्त कदम उठाया जाएगा।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को तोड़फोड़ और प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। उन्हें किसी बहकावे में आकर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए वर्ना कानून व्यवस्था में बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
शिक्षामित्रों के समायोजन में थी गलती, समझा गया वोटबैंक-योगी
योगी ने कहा कि पिछले सरकारों ने गलत किया। शिक्षामित्रों के समायोजन में ही गलती थी। विपक्ष शिक्षामित्रों को वोटबैंक मानता है। उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सरकार रास्ते तलाश रही है। अपर मुख्य सचिव को शिक्षामित्रों के प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठने का आदेश दिया गया है। अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा,उ.प्र. शासन का समस्त जिलाधिकारी को समायोजित शिक्षकों के बारे में माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश के अनुपालन के संबंध में आदेश जारी कर दिया गया।
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“बीएसए शिक्षामित्रों को स्कूल भेजें पढ़ाई न हो बाधित”
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने कहा कि, प्रदेश भर के बीएसए के लिए ये आदेश जारी किया गया है कि शिक्षामित्रों को अपने अपने स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने के लिए भेजा जाए। जहां से भी पढ़ाई बाधित करने हिंसा और तोड़फोड़ जैसी सूचनाएं आए वहां कार्रवाई की हो। आप को बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को शिक्षामित्रों ने गोरखपुर, बनारस और लखनऊ में प्रदर्शन किया था। गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर का घेराव कर रहे शिक्षामित्रों पर पुलिस ने लाठियां भी फटकारी थीं। प्रदेश में अब तो दो शिक्षामित्रों की जान भी जा चुकी है। अमेठी में एक महिला को हार्ट अटैक आया जबकि एक ने यहीं पर सल्फास खाकर जान दी।