स्कूली बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम सिर्फ कागजों पर 

Anil ChaudharyAnil Chaudhary   2 Nov 2017 3:52 PM GMT

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स्कूली बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम सिर्फ कागजों पर प्रतीकात्मक फोटो

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

पीलीभीत। आए दिन स्कूलों में बच्चों के साथ दुर्घटनाओं की खबरें आती हैं। अभी पिछले दिनों गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय प्रद्युमन की हत्या बेरहमी से इसलिए कर दी गई क्योंकि बस कंडक्टर बच्चे के साथ दुष्कर्म करने में असफल रहा।

इन घटना को लेकर अभिभावकों में भारी रोष दिखाई दिया और अभिभावक नामी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने में असुरक्षित महसूस करने लगे, जिसको देखते हुए सरकार ने प्रदेश के सभी मंडलों को अपने यहां बच्चों की सुरक्षा करने का इंतजाम करने के आदेश जारी किए, जिसके तहत प्रत्येक स्कूल के स्टाफ का साइकोमेट्रिक टेस्ट होना था, लेकिन जनपद के किसी भी विद्यालय में अभी तक कोई ऐसा पत्र शिक्षा विभाग द्वारा नहीं पहुंचा है और न ही इसका इंतजाम किया जा सका है।

अब इस कड़ी के तहत एक और आदेश जारी कर दिया गया है कि सभी विद्यालय 15 दिन में सुरक्षा मानक पूरे करके अपने स्कूल की सुरक्षा रिपोर्ट जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक को दें। यह आदेश शिक्षा निदेशक लखनऊ के निर्देशन पर संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा बरेली ने मंडल के 81 कॉलेजों को नोटिस जारी कर 15 दिन में सुरक्षा के मानक पूरे करने की हिदायत दी है, लेकिन अभी तक इन आदेशों के अनुपालन में कोई भी प्रगति होती नजर नहीं आ रही है।

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जनपद के सभी इंटर कॉलेजों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी इंतजामों को पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पुलिस वेरिफिकेशन व स्टाफ वेरिफिकेशन का निर्देश अभी जारी नहीं किया है। क्योंकि शासन द्वारा दिए गए आदेशों में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि स्टाफ का साइकोमेट्रिक टेस्ट किस तरह कराया जाएगा। बाकि सभी विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर इंतज़ाम किये जा रहे है।
गजेंद्र कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक

बच्चों को लाने ले जाने की सुविधा

एआरटीओ, राजेश गंगवार बताते हैं, “ सभी विद्यालयों को स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने में लगी बसों के मानकों को पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बसों का स्थलीय निरीक्षण कर अच्छी हालत वाली बसों का ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया है। बसों में फायर सिस्टम व जीपीआरएस लगाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। इन बसों में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 हेल्पलाइन 1090 के साथ-साथ पुलिस विभाग के नंबर और स्टीकर भी लगाने के आदेश दिए गए हैं।”

शासन के निर्देशों का पालन

एलवीवीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल के डीन अभय सक्सेना कहते हैं, “हमारे स्कूल में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर मानकों को पूरा कर लिया गया है। वाहन चालकों के पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी है। बाहर से आने वाले अभिभावकों और आगंतुकों के लिए रजिस्टर मेन गेट पर रखवा दिया गया है, जिसमें रोजाना उनकी एंट्री की जाती है। बसों में हेल्पलाइन नंबर भी लिख दिए गए हैं।”

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स्कूलों को दिए गए हैं ये निर्देश

  • स्कूलों का भवन ऐसा हो जिसके सभी कक्षाओं के मुख्य द्वार प्रांगण से दिखाई दें।
  • कक्षा में एक खिड़की जरूर होनी चाहिए।
  • स्कूल में कक्षा 1 से 12 तक कक्षाएं संचालित होती हैं तो इनके ब्लॉक अलग-अलग हो।
  • स्कूल में बिना अनुमति प्रवेश वर्जित रखा जाए।
  • बड़े कक्षों का स्टाफ का भी बिना अनुमति जाना वर्जित हो।
  • विद्यालय में बाहरी आने वाले अभिभावकों व आगंतुकों का पूरा ब्यौरा स्कूल के मेन गेट पर रजिस्टर में दर्ज हो।
  • स्कूल की सभी बसों में जीपीआरएस सिस्टम के साथ-साथ चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 हेल्पलाइन व 1090 और पुलिस स्टेशन नंबर भी होना जरूरी है।
  • बस में चलने वाले स्टाफ का पुलिस सत्यापन कराया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्रबंधक प्रधानाचार्य दोनों जिम्मेदार हैं।
  • अगर छोटा बच्चा स्कूल अकेला जा रहा है तो अभिभावक उसे साथ लेकर जाएं और यदि बच्चा साइकिल से स्कूल जाता है तो दो-तीन बच्चों के साथ ही जाए।
  • शिक्षक सभी बच्चों को गुड और बैड टच के प्रति जागरूक करें।

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