लखनऊ। सरकारी कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ई—ऑफिस व्यवस्था 15 अगस्त से पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को यह फैसला किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों को ई—ऑफिस व्यवस्था के तहत लाया जाएगा ताकि सरकारी विभागों में कम से कम कागज का इस्तेमाल हो। पिछले साल अक्टूबर में सचिवालय के 21 विभागों में तथा इस साल 7 मई से बाकी विभागों में यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है।उन्होंने बताया कि राज्य कैबिनेट ने सिद्धार्थनगर, एटा, गाजीपुर और फतेहपुर के जिला या रेफरल अस्पतालों का उन्नयन कर उन्हें मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने का फैसला कियाहै। वहीं कैबिनेट ने प्रमाणित बीज खरीदने पर किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी देने का प्रस्ताव मंजूर किया है।
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मुख्यमंत्री की रहेगी नजर
किसी भी विभाग में तैयार होने वाली फाइल पर इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभाग के मुखिया और मंत्री नजर रख सकेंगे। फाइलों को किसी भी स्टेज पर देखने की सुविधा मुख्यमंत्री को दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय में जिन अधिकारियों के पास जो विभाग हैं, उनसे संबंधित फाइलें वे भी देख सकेंगे। फाइलों के बनने से लेकर उनके आगे बढ़ने तक का समय भी पता चलेगा। सिस्टम पेपरलेस होने से कागज भी बचेगा।
ई-ऑफिस व्यवस्था में होंगे ये काम
-चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति
-पेंशन की स्वीकृति
-जीपीएफ की स्वीकृति
-चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति
-अर्जित अवकाश की स्वीकृति
-वेतन भुगतान
-गोपनीय प्रविष्टियों पर निर्णय
-पदोन्नति पर निर्णय आदि अब इस इलेक्ट्रानिक माध्यम से होगी
-अतिथि गृहों की बुकिंग
ई-आफिस से राज्यसम्पत्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई व अन्य विभाग के अतिथिगृहों की बुकिंग आनलाइन व्यवस्था तथा डिजीटल ट्रांजेक्शन की व्यवस्था भी ई आफिस में होगी।
साभार: एजेंसी
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