तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए पीड़ादायक : रीता बहुगुणा जोशी

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तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए पीड़ादायक : रीता बहुगुणा जोशीरीता बहुगुणा जोशी।

लखनऊ। प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि हमारा संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए कष्टप्रद है। उप्र सरकार मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय में उनका पक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि महिला किसी भी जाति-धर्म की हो शिक्षा, सुरक्षा और सामाजिक बराबरी उसकी आवश्यकता ही नहीं, उसका अधिकार भी है। समाज की सभी पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए उप्र सरकार रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष का दायरा बढ़ाने पर विचार करेगी।

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रीता बहुगुणा जोशी ने बुधवार को योजना भवन, लखनऊ स्थित सभाकक्ष में राज्य सरकार के संकल्प पत्र-2017 के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा के अन्तर्गत तीन तलाक के संबंध में मुस्लिम महिलाओं की राय प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हेतु आयोजित बैठक में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि कई देशों में मुस्लिम समाज में तीन तलाक की यह प्रक्रिया नहीं है। भारत में सर्वोच्च न्यायालय में इस पर विचार हो रहा है।

उ0प्र0 सरकार मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर उनका पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में रखेगी। उन्होंने कहा अवांछित रूप से दिया गया तलाक किसी भी धर्म-समुदाय की महिला के लिए पीड़ादायक है। तलाक के कारण महिलाआों के सामने स्वयं के भरण-पोषण, बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा आदि की समस्यायें खड़ी हो जाती हैं। महिलाएं बेसहारा की स्थिति में भी आ जाती हैं। तीन तलाक की पीड़ा को झेल रही मुस्लिम महिलाएं आज खुलकर इस दर्द को बयान कर रही हैं।

बैठक में चर्चा के दौरान जोशी ने अवगत कराया कि हिंसा प्रताड़ित महिलाओं तथा विधवाओं एवं किसी भी धर्म की तलाकशुदा महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री उ0प्र0 ने रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष के दायरे को बढ़ाने के लिए विचार करने को कहा है।

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बैठक में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला एवं परिवार कल्याण स्वाती सिंह ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं जिस समस्या का सामना कर रही हैं उसे हम महसूस कर रहे हैं। हम संविधान में तो समानता की बात करते हैं। किन्तु जब तक समाज में इस अधिकार का हनन करने वाली व्यवस्थाायें रहेंगी, तब तक महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा महिलाएं सिर्फ महिलाएं हैं उन्हें जाति-धर्म में बांटकर अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की वर्तमान व्यवस्था पर विचार किया जाना और मुस्लिम महिलाओं की तकलीफ को समझना आवश्यक है।

बैठक में रीता जोशी ने प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करते हुए उपस्थित विविध फाउंडेशन के अध्यक्षों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, विविक सलाहकारों से अपील की कि वे सब विचार-विमर्श कर लें जिससे भविष्य के लिए प्रभावी योजनाओं का प्रारूप बनाया जा सके।

     

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