चित्रकूट के कई गाँवों में ट्यूबवेल बन चुके हैं शोपीस 

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चित्रकूट के कई गाँवों में ट्यूबवेल बन चुके हैं शोपीस चित्रकूट जिला के 19 ग्राम पंचायतों में खराब पड़े ट्यूबवेल।

सुनील कुमार,स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बरगढ़ (चित्रकूट)। गर्मी के मौसम आते ही चित्रकूट में पानी का संकट बढ़ जाता है, कई गाँवों में सिंचाई के लिए लगे ट्यूबवेल खराब हो चुके हैं और अब वो महज शोपीस बनकर रह गए हैं।

चित्रकूट जिला मुख्यालय से पूर्व दिशा में लगभग 62 किमी दूर बरगढ़ पाठा के 19 ग्राम पंचायतों के लिए जलकल एवं जलसंस्थान ने पेयजल आपूर्ति के लिए 20 बोरवेल स्थापित किए हैं। लेकिन ग्राम वासियों के पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं है।

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गर्मी आते ही पेयजल की परेशानी बढ़ जाती है। कुएं व हैण्डपम्प जवाब देने लगते हैं। जल संस्थान चित्रकूट व जलकल विभाग रैपुरा में तीन, गोंइयाखुर्द में दो, खोहर में तीन, हरदी दो, कलचिहा में दो, कोलमजरा में तीन, कोटवन में एक, बरगढ़ में दो, सेयरा में दो, सहित कुल 20 बोरवेल पाठा के 19 ग्राम पंचायतों को पेयजल आपूर्ति के लिए स्थापित किया गया था।

इनमें से लगभग आधा दर्जन बोरवेल चलते हैं, जिसमें कोटवां, बरगढ़ बोरवेल से पेयजल आपूर्ति आधी-अधूरी होती है। शेष चलने वाले चार बोरवेल से बोर ऑपरेटर अपने खेत की सिंचाई करते हैं।

डोंड़िया गाँव के रहने वाले राजेन्द्र बताते हैं, “जल संस्थान जल आपूर्ति के लिए बिछाई जाने वाली दो इंच की पाइप की जगह एक इंच की पुरानी पाइप बिछाई थी, जो कई जगह से लिकेज होने के साथ-साथ आए दिन टूटी रहती है, जिससे हमेशा पानी की दिक्कत बनी रहती है।” वो आगे बताते हैं, “लेकिन पानी का बिल समय से आता है। ग्रामीणों ने पेयजल आपूर्ति के लिए गाँव के अन्दर की पाइप लाइन बदलने की मांग की है जिससे पीने के लिए पानी मिलता रहे।”

इसी गाँव के निवासी गंगा प्रसाद बताते हैं, “ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। ज्यादातर बोरवेल जिन किसानों की भूमि पर लगे हैं, उन्हीं के घर के लोग बोरवेल ऑपरेटर बना दिए गए हैं।

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