उमा भारती बुंदेलखंड के लिए लांच करेंगी जल संरक्षण कार्यक्रम 

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उमा भारती बुंदेलखंड के लिए लांच करेंगी जल संरक्षण कार्यक्रम उमा भारती (फाइल फोटो)

नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती बुंदेलखंड, मराठवाड़ा, ओडिशा के कालाहांडी, बोलनगीर तथा कोरापुट के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए व्यापक जल संरक्षण कार्यक्रम लांच करेंगी।

भारती औपचारिक रूप से कार्यक्रम शुक्रवार को सागर (मध्य प्रदेश) के बंद्री में लांच करेंगी। यह घोषणा करते हुए जल संसाधन मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल के कृत्रिम रिचार्ज के लिए मास्टर प्लान बनाया है।

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उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लगभग 1100 परकोलेशन (रिसाव) टैंकों, 14000 छोटे चैक डैम/नाला पुश्तों तथा 17000 रिचार्ज शॉफ्ट्स की पहचान की गई है। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लगभग 2000 परकोलेशन टैंको, 55000 छोटे चैक डैम/नाला पुश्तों तथा 17000 रिचार्ज शॉफ्ट्स की पहचान की गई है।

उन्होंने कहा कि भूजल खोज के हिस्से के रूप में उत्तर प्रदेश क्षेत्र के बुंदेलखंड के पांच जिलों-बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट और माहोबा में 234 कुएं बनाए जाने का प्रस्ताव है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के छह जिलों में भूजल खोज के लिए 259 कुओं के निर्माण का प्रस्ताव है।

भारती ने कहा कि उनके मंत्रालय ने राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना (एनजीएमआईएस) के अंतर्गत कई नई पहल की है। इसका उद्देश्य दबाव वाले ब्लॉकों में भूजल की स्थिति में कारगर सुधार करना, गुण और मात्रा दोनों की दृष्टि से संसाधन को सुनिश्चित करना, भूजल प्रबंधन और संस्थागत मजबूती में भागीदारीमूलक दृष्टिकोण अपनाना है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 11851 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कवर करने वाले छह जिलों को इस पहल के अंतर्गत विचार के लिए रखा गया है और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के 8319 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के पांच जिलों को विचार के लिए रखा गया है।

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बेतवा तथा गुरसराय नहर, राजघाट नहर, केन नहर प्रणाली, गुंटा नाला डैम तथा उपरी राजघाट नहर के 17,1030 हेक्टेयर को पाटने की योजना का प्रस्ताव है। इस योजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी, जालौन, हमीरपुर, ललितपुर, बांदा जिलों को लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की राजघाट नहर परियोजना को 68007 हेक्टेयर को पाटने की योजना का प्रस्ताव है। इस योजना से टिकमगढ़, दतिया जिलों को लाभ मिलेगा।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में आईपीसी तथा आईपीयू के बीच 53365 हेक्टेयर को पाटने के लक्ष्य के साथ सात योजनाओं का प्रस्ताव है। इस योजना से औरंगाबाद, लातूर, नांदेड़, परभनी, सोलापुर तथा ओस्मानाबाद जिलों को लाभ मिलेगा और इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मराठवाड़ा के 3727 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है। इस पर 380 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्चा आएगा। मराठवाड़ा क्षेत्र के 9101 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की एक्विफर मैपिंग पूरी हो गई है। 7775 वर्ग किलोमीटर का प्रबंधन प्लान महाराष्ट्र सरकार को सौंपा गया है।

भारती ने कहा कि ओडिशा के कालाहांडी, बोलनवीर, कोरापुट (केबीके) क्षेत्र में पीआईसी तथा आईपीयू के बीच अंतर पाटने के लिए 0.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर करने की 9 परियोजनाओं का प्रस्ताव है। इससे केबीके क्षेत्र के मलकानगीरी, बोलनगीर, नुआपाड़ा, रायगड़, कालाहांडी तथा बारगढ़ जिलों को लाभ मिलेगा। क्षेत्र में 305 कुएं बनाए गए।

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